हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद आखिरकार पूर्व डीआइओएस/बीएसए राजकुमार हुए निलंबित, महिला सहकर्मियों के शोषण व उत्पीड़न के मामले में जांच हुई तेज
इलाहाबाद : जिले में बीएसए के पद पर तैनात रह चुके राजकुमार यादव के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अपशब्दों जैसे गंभीर आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को बयान दर्ज होंगे। बीएसए हरिकेश यादव ने सभी शिकायतकर्ताओं को पत्र लिखकर जांच में मदद करने और अपने बयान को दर्ज कराने का निर्देश दिया है। शिकायतकर्ताओं को राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में चार नवंबर को 11 बजे उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
लखनऊ : महिला सहकर्मियों के शोषण और उत्पीड़न को लेकर हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शासन ने इलाहाबाद के पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार यादव को आखिरकार निलंबित कर दिया है। यादव को निलंबित किये जाने का आदेश बुधवार को जारी हो गया।
राजकुमार यादव इलाहाबाद के बीएसए थे। अपने रसूख के चलते बाद में उन्होंने इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर तैनाती हासिल कर ली। इलाहाबाद में बीएसए रहते यादव पर महिला सहकर्मियों के शोषण व उत्पीड़न के आरोप लगे थे। यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था।
मामला तूल पकड़ने पर यादव को इलाहाबाद के डीआइओएस पद से हटाकर लखनऊ स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। हाईकोर्ट इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि यादव को लखनऊ में सम्बद्ध करने से जांच सही नहीं हो सकेगी और महिला सहकर्मियों के शोषण को लेकर बने कानून का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
कोर्ट ने पूछा कि डीआइओएस को निलंबित क्यों नहीं किया गया और एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की गई। कोर्ट ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को सात नवंबर को अगली सुनवाई पर कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए शासन ने राजकुमार यादव को निलंबित कर दिया है।
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