अब अभिवादनम् से गुरुजी का विद्यार्थी करेंगे अभिनंदन, बेसिक स्कूलों में संस्कृत की जड़ें मजबूत करने को लेकर शुरू हुई पहल, बच्चों को जानकारी देने के लिए शिक्षक होंगे प्रशिक्षित,

बेसिक स्कूलों में संस्कृत की जड़ें मजबूत करने को लेकर शुरू हुई पहल, बच्चों को जानकारी देने के लिए शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

अब अभिवादनम् से गुरुजी का विद्यार्थी करेंगे अभिनंदन


अब बेसिक स्कूलों में संस्कृत की जड़े मजबूत करने के लिए सार्थक पहल की गई है। इसके तहत जल्द ही स्कूलों में बच्चे अपने गुरुजी को गुड मार्निंग या नमस्ते के स्थान पर अभिवादनम् कहकर भी अभिनंदन करते दिखेंगे। शुरुआत से ही संस्कृत शिक्षा के प्रति बच्चों में लगाव को लेकर यह पहल राज्य हिन्दी संस्थान की ओर से की गई है।


जिले के बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भाषा पर पकड़ बढ़ाने के लिए राज्य हिन्दी संस्थान वाराणसी की ओर से पहल की गई है। संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्कृत किट भी परिषदीय स्कूलों को देने को मुहैय्या कराई जाएगी। इसको मूर्तरूप देने के लिए बीएएस व डायट प्रिंसिपल को प्रशिक्षण दिया गया है।



संस्कृत के उत्थान के लिए राज्य हिन्दी संस्थान ने संस्कृत किट बाल- संस्कृत-मंजूषा तैयार की है। संस्कृत किट में 27 सामग्रियां दी गई हैं। इनमें विवरण व उद्देश्य की भी जानकारी दी गई है। नई शिक्षा नीति के तहत विकसित कला समन्वित संस्कृत भाषा किट आधारित तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में सूबे के हर जिले से तीन शिक्षकों, एक डायट प्रवक्ता व दो प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक समेत डायट प्रिंसिपल व बीएसए को प्रशिक्षण दिया गया है।

प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक जल्द ही जिले के अन्य बेसिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे, ताकि सत्र समाप्त होने से पहले बच्चों को संस्कृत में सामान्य वार्तालाप सिखाया जाएगा। जिला समन्वयक आरके सिंह बताते हैं कि सबसे पहले सुबह के समय गुड मार्निंग के स्थान पर शिक्षक बच्चों को अभिभावदनम् की सीख देंगे। संस्थान के इस पहल से जिले के बेसिक स्कूलों में अध्ययन कर रहे लगभग साढ़े छह लाख बच्चों को संस्कृत ज्ञान हासिल हो सकेगा। 


बीएसए, डायट प्रिंसिपल संग शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण

बीएसए ने बताया कि पहले चरण में 21 जिलों के बीएसए व डायट प्रिंसिपल व शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें अलीगढ़, मथुरा, बदायूं, अमरोहा, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, लखनऊ, कौशाम्बी, ललितपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, मऊ, देवरिया, संतकबीर नगर, आंबेडकर नगर, महोबा, बस्ती एवं बहराइच शामिल है। दूसरे चरण में बलरामपुर व गोंडा समेत अन्य जिलों को प्रशिक्षण दिया गया है।


संस्कृत किट में ये होंगी सामग्रियां
संस्कृत किट में अभिवादनम् में नमस्कारात्मक चित्रफलक के साथ ही नमस्ते नमामि, नौमी आदि शब्दों का प्रयोग करवाना सिखाया जाएगा। इसी तरह प्रतिज्ञा, बालगीतम्, बालकथा, परिवेशीय चर्चा, फ्लैशकार्ड वैलक्रोपट्टी, आओ मित्र, जोड़ें चित्र, शब्दों से वर्ण की ओर, आनन्दस्य पाठशाला, संस्कृत शब्द निर्माण, शब्दक्रीड़ा, वर्णानां नामानि, डिब्बे में डिब्बे, लूडोक्रीड़ा, सांप-सीढ़ी क्रीड़ा, अंग परिचय, मम कुटुम्ब अहम् अस्मि, बालजगत्, धावन प्रतियोगिता, पुरुष- वचन-परिचय, वाक्यनिर्माण चक्रिका, स्टिक फ्लैशकार्ड, मनोभावा, मेरे अनेक नाम, वार्तालाप, प्रश्नवाचक शब्दा, सुभाषितानि, कक्षा-कक्ष के अनुमति वाक्य, दिनचर्या, पपेट और मुखौटा सामग्री के तौर में संस्कृत किट में है।


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