फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से शिक्षक एवं छात्र उपस्थिति के 'पायलेट प्रोजेक्ट' की समीक्षा बैठक के सम्बन्ध में

आज की बैठक के बाद साफ होगा डिजिटल उपस्थिति पर बेसिक शिक्षा विभाग का रुख, नहीं परवान चढ़ सकी 6 जिलों में टेबलेट के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति की कोशिश


63.5% स्कूलों में टैबलेट डिब्बों में ही रहे बंद, सिर्फ 69 टैबलेट पर ही प्रेरणा अटेंडेंस एप हुआ डाउनलोड, छह जिलों में मात्र 36.5 प्रतिशत विद्यालयों में ही हुआ चालू


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में शिक्षक टैबलेट का प्रयोग करने से बच रहे हैं। जिन छह जिलों में टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की गई थी, वहां ज्यादातर शिक्षकों ने टैबलेट को डिब्बे से बाहर ही नहीं निकाला है। कुल 28,814 टैबलेट स्कूलों में बांटे गए थे और उसमें से मात्र 10,328 को चालू किया गया है। यानी 63.5 प्रतिशत स्कूलों में टैबलेट अभी भी डिब्बे में ही बंद हैं, 36.5 प्रतिशत स्कूलों में ही इसका प्रयोग शुरू किया गया है। मात्र 69 विद्यालयों में फेस रिकग्निशन अटेंडेंस के लिए प्रेरणा अटेंडेंस एप डाउनलोड किया गया है।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सख्त नाराजगी जताई गई है। सबसे खराब स्थिति बाराबंकी की है। यहां पर 4,180 टैबलेट स्कूलों को दिए गए और मात्र 334 यानी आठ प्रतिशत ही चालू किए गए हैं। लखीमपुर खीरी में 5,023 में से 1,507 और सीतापुर में 5,765 में से 1,730 यानी इन दोनों जिलों में 30-30 प्रतिशत स्कूलों में ही इसे चालू किया गया है। सबसे ज्यादा हरदोई में 60 प्रतिशत स्कूलों में टैबलेट एक्टिव किए गए। यहां 5,212 में से 3,127 टैबलेट चालू स्थिति में हैं। रायबरेली में 50 प्रतिशत यानी 3,762 में से 1,881 टैबलेट चालू स्थिति में हैं। उधर उन्नाव में 4,372 में से 1,749 टैबलेट सक्रिय हैं। यहां 40 प्रतिशत का उपयोग किया जा रहा है।

मात्र 69 स्कूलों में प्रेरणा अटेंडेंस एप डाउनलोड किया गया है। यानी, कुल दिए गए टैबलेट में से 0.2 प्रतिशत स्कूलों में ही यह एप डाउनलोड किया गया है। इसमें हरदोई व लखीमपुर खीरी में 11-11, रायबरेली में पांच, सीतापुर में 25, उन्नाव में 12, बाराबंकी में शून्य और इसके अतिरिक्त लखनऊ में पांच स्कूलों में इसे डाउनलोड किया गया है।

27 दिसंबर से इन जिलों के परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों की भी उपस्थिति इसी टैबलेट के माध्यम से दर्ज की जानी है। अभी शिक्षक जिस तरह खुद की उपस्थिति न दर्ज करके विरोध जता रहे हैं, उससे साफ है कि आगे विद्यार्थियों की उपस्थिति की व्यवस्था कर पाना कठिन होगा। किसी विद्यालय में एक तो किसी में जरूरत के अनुसार दो-दो टैबलेट भी दिए गए हैं।


फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से शिक्षक एवं छात्र उपस्थिति के 'पायलेट प्रोजेक्ट' की समीक्षा बैठक के सम्बन्ध में


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