ब्लाक, जनपद, मण्डल स्तर पर शिकायतों का प्रभावी अनुश्रवण / निस्तारण नहीं किए जाने पर DGSE की निगाह हुई टेढ़ी, सम्बंधित निर्देश जारी

स्थानीय स्तर पर ही होगा बेसिक शिक्षकों की समस्याओं का समाधान, बीआरसी, बीएसए और मंडल स्तर तक जनसुनवाई पंजिका तैयार कराई जाएगी


बेसिक शिक्षकों और कर्मचारियों को अब अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों के वेतन, भत्ते, सेवा आदि से जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

इसके लिए विद्यालय से लेकर बीआरसी, बीएसए और मंडल स्तर तक जनसुनवाई पंजिका तैयार कराई जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से यह निर्देश जारी होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय से लेकर बीआरसी, बीएसए और मंडल स्तर तक जनसुनवाई पंजिका तैयार कराई जाए। इसमें शिकायतें दर्ज कर समय पर निस्तारण किया जाए। इसके लिए एक अधिकारी नामित किया जाए। 


शिक्षकों-कर्मचारियों को समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यालय का चक्कर काटने से मिलेगी मुक्ति

बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यालय व जिला स्तर पर बनाई जाएगी जनसुनवाई पंजिका


लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों कर्मचारियों को अब विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। विभाग ने विद्यालय, ब्लॉक, जिला व मंडल स्तर पर ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई पंजिका तैयार करने का निर्देश दिया है। इसमें कर्मचारी की समस्या और उसके समाधान की समय सीमा निर्धारित होगी। वहीं इसकी निगरानी के लिए एक अधिकारी भी तैनात किया जाएगा। 


विभाग के शिक्षकों-कर्मचारियों को वरिष्ठता, विद्यालय में उपस्थिति, वेतन-एरियर भुगतान, मृतक आश्रित की नियुक्ति, अधिकारियों के खिलाफ मामले आदि को लेकर विद्यालय से मुख्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। जबकि विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, बीएसए व संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर ही उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। वहीं कई बार विना साक्ष्य के भी शिकायतें की जा रही हैं और मुख्यालय इनका समाधान करता है।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इसकी एक व्यवस्था बनाने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विद्यालय, ब्लॉक, जिला व मंडल स्तर पर जनसुनवाई पंजिका बनाई जाए। इसमें शिकायतों के समय से निस्तारण की व्यवस्था हो और उसे दर्ज किया जाए। इसके लिए एक अधिकारी भी नामित किया जाए। शिक्षकों कर्मचारियों को यह सूचित करें कि उनकी शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर होगा, इसके लिए निदेशालय में पत्राचार न करें।


उन्होंने कहा है कि सीधे निदेशालय को शिकायतें भेजने से यहां का प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित होता है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर शिकायतों का निस्तारण करें और इसका रिकॉर्ड भी रखें, ताकि कामकाज को सुगम और बेहतर बनाया जा सके। आवश्यकता पड़ने पर उच्च स्तर की समीक्षा में इसको प्रस्तुत किया जाए। महानिदेशक ने यह भी कहा है कि इसका पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। शिक्षक कर्मचारी भी इसका पालन सुनिश्चित करेंगे।



शिक्षकों की शिकायत का अब तत्परता से होगा निस्तारण, ब्लॉक से लेकर शासन स्तर तक अपनी शिकायत दर्ज कराने को मजबूर  थे शिक्षक, DGSE ने जिलास्तरीय शिक्षाधिकारियों को दी चेतावनी 

शिक्षकों की शिकायत का अब तत्परता से निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए अलग व्यवस्था बनाई जाएगी। शिकायत निस्तारण करके शिक्षकों को जानकारी भी दी जाएगी।

शिक्षकों की विद्यालय स्तर पर ही निपटने वाली शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं किया जाता है। इसकी वजह से वह ब्लॉक से लेकर शासन स्तर तक अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं। शासन का कहना है जिले से निपटने वाली शिकायत शासन स्तर पर तमाम आ रही हैं। इससे वर्कलोड बढ़ रहा है।

DGSE कंचन वर्मा ने पत्र लिखकर कहा है कि शिकायतों को देखकर लगता है कि जिले स्तर पर गंभीरता से निस्तारण नहीं किया जा रहा है।


ब्लाक, जनपद, मण्डल स्तर पर शिकायतों का प्रभावी अनुश्रवण / निस्तारण नहीं किए जाने पर DGSE की निगाह हुई टेढ़ी, सम्बंधित निर्देश जारी 



ब्लाक, जनपद, मण्डल स्तर पर शिकायतों का प्रभावी अनुश्रवण / निस्तारण नहीं किए जाने पर DGSE की निगाह हुई टेढ़ी, सम्बंधित निर्देश जारी Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:36 AM Rating: 5

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