जुलाई से पहले होगा समायोजन, बच्चों की संख्या के आधार पर हर स्कूल में होंगे शिक्षक, पोर्टल पर अपडेट होगी शिक्षकों की नियुक्ति
जुलाई से पहले होगा समायोजन, बच्चों की संख्या के आधार पर हर स्कूल में होंगे शिक्षक, पोर्टल पर अपडेट होगी शिक्षकों की नियुक्ति
परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का जिले के अंदर समायोजन जुलाई से पहले किया जाएगा। जिन परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या कम है, वहां पर अध्यापकों का समायोजन होगा। जहां पर छात्रों की तुलना में इनकी संख्या अधिक है, उन्हें दूसरे विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। छात्रों के साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी पूरी जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। शिक्षकों का समायोजन नगर क्षेत्र के स्कूलों में नहीं होगा।
सूबे में कई ऐसे विद्यालय हैं जो एक शिक्षक या शिक्षामित्रों के ही सहारे चल रहे हैं। शासन ने शिक्षकों को जिले के अंदर समायोजित करने का निर्देश दिया है, जिससे सभी विद्यालयों में शिक्षक-छात्रों का अनुपात ठीक किया जा सके। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। देखा जाए तो सबसे अधिक शिक्षकों की जरूरत नगर क्षेत्र के स्कूलों को है, लेकिन इन स्कूलों में शिक्षकों का समायोजन नहीं होगा।
चुनाव बाद परिषदीय स्कूलों में ठीक होगा शिक्षकों का अनुपात
लखनऊ । चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के तत्काल बाद राज्य सरकार प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात ठीक करेगी। इसके तहत सरप्लस शिक्षकों का जिले के अंदर ही समायोजन कर स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात को एक समान या बेहतर बनाया जाएगा।
पिछले करीब डेढ़ दशक से समायोजन नहीं होने से विद्यालयों में शिक्षकों के अनुपात में बड़ी असमानता आ गई है। हालत यह है कि शहर या शहरी क्षेत्र के आसपास के विद्यालयों में सरप्लस शिक्षक तैनात हैं जबकि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल एकल या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
तैनाती के ये हैं मानक
प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक, 75 बच्चों पर चार शिक्षक तथा 90 बच्चों पर पांच शिक्षक के मानक तय किए गए हैं। परन्तु वर्तमान में इस मानक के अनुसार 85 फीसदी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कतई नहीं है।
बच्चों की संख्या के अनुपात में होगी बेसिक शिक्षकों की तैनाती, स्कूलों से हटाए जाएंगे सरप्लस शिक्षक, 30 जून से पहले होगा कार्य
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में वर्षों बाद शिक्षकों के जिले के अंदर समायोजन की आस जगी है। 30 सितंबर 2023 की छात्र संख्या के आधार पर मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों के एक से दूसरे विद्यालय में तबादले किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव के बाद सरप्लस शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में तैनात किया जाएगा।
करीब डेढ़ दशक से समायोजन न होने से विद्यालयों में शिक्षकों का अनुपात ठीक नहीं है। शहर के आसपास के विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में अधिक शिक्षक तैनात हैं। दूरदराज के गांवों में छात्र-छात्राओं की संख्या तो अधिक है, लेकिन शिक्षकों की बेहद कमी है। गैर जनपद स्थानांतरण और सेवानिवृत्त से कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो गई, लेकिन छात्र संख्या पहले जैसे होने से पठन- पाठन प्रभावित होता है।
बच्चों के अनुपात में शिक्षकों के बेतरतीब आवंटन की शिकायत आम होने से विभाग ने सरप्लस शिक्षकों का समायोजन करने का फैसला लिया है। ऐसी स्थिति में जिले के भीतर समायोजन होने से एकल और दो शिक्षकों के भरोसे चलने वाले स्कूलों में नए अध्यापक मिल जाएंगे।
30 जून तक बेसिक शिक्षकों के समायोजन की तैयारी
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्रदेश भर के सरकारी विद्यालयों की हो रही समीक्षा
कम बच्चों वाले स्कूलों से हटाए जाएंगे शिक्षक, जून तक प्रक्रिया में सुधार किए जाने का दावा
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित जिन प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे कम हैं और शिक्षक ज्यादा है वहां से शिक्षकों को हटाते हुए अधिक बच्चों वाले विद्यालय में भेजा जायेगा। इस संबंध में छात्र संख्या के आधार पर मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों और बच्चों का ब्योरा दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि पोर्टल से ही शिक्षकों के एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण किया जा सके। ये प्रक्रिया जून तक पूरी कर ली जायेगी।
बता दें कि हर जनपद में काफी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं। जहां पर शिक्षकों और बच्चों का अनुपात बराबर नहीं है। इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या 25 से 30 है और शिक्षकों की संख्या 4 से 5। इसके बीच कई विद्यालय ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों की संख्या 2 से 3 है लेकिन वहां बच्चों की संख्या 200 से 300 है। इस स्थिति को देखते हुए विभाग का प्रयास है कि इस अनुपात में सुधार किया जाए। जबकि 30 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है।
डेढ़ दशक से नहीं हुआ समायोजन : करीब डेढ़ दशक से समायोजन न होने के कारण विद्यालयों में शिक्षकों का अनुपात काफी खराब हो चुका है। गैर जनपद स्थानांतरण और सेवानिवृत्त होने से कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो गई, लेकिन छात्र संख्या पहले जैसे होने से पठन-पाठन प्रभावित हुआ है।
मानव संपदा पोर्टल पर पूरा ब्योरा अपडेट होना जरूरी
इस संबंध में सचिव ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह समायोजन से पूर्व मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के सारे विवरण को सहीं करा लें जिससे कि मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से समायोजन प्रक्रिया पूरी हो सके। इस बार विद्यालयों में बच्चों की नामांकन संख्या कम हुई है।
ऊंची पहुंच वाले शिक्षकों के आगे विभाग भी लचर
ऊंची पहुंच वाले शिक्षकों के आगे विभाग भी लचर साबित हो रहा है। उनके लिए विद्यालय का मानक भी देंगे पर रहता है। हालात ये है कि इन शिक्षकों को रोड किनारे वाले विद्यालयों में तैनाती चाहिए भले ही वहा बच्चे कम हो। हैरानी की बात ये है कि विभाग में शिक्षकों की कमी होने के बाद भी इन्हें प्रतिनियुक्ति पर भी भेज दिया जाता है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदानित स्कूलों में भी लापरवाही
अनुदानित स्कूलों की भी स्थिति अच्छी नहीं है। वर्तमान स्थिति में जांच हुई तो सारी पोल खुल जायेगी। हालात ये है कि 15 से 20 बच्चों को पढ़ाने के लिए 4-4 शिक्षक हैं तो किसी में 30 से 32 छात्रों के लिए 6 शिक्षक हैं। इन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों, लिपिक और बाबूओं के वेतन भुगतान के नाम पर हर महीने लाखों रुपये सरकारी धन से खर्च किए जा रहे हैं। जिन पर विभाग को ध्यान देने की जरूरत है।
विभाग की ओर से विद्यालयों में शिक्षकों और बच्चों के अनुपात को सुधारने की तैयारी चल रही है। जिससे शिक्षकों की संख्या पर्याप्त हो और पढाई गुणवत्तापूर्ण हो सके। इस संबंध में जल्द ही प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा। - सुरेन्द्र कुमार तिवारी, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद
जुलाई से पहले होगा समायोजन, बच्चों की संख्या के आधार पर हर स्कूल में होंगे शिक्षक, पोर्टल पर अपडेट होगी शिक्षकों की नियुक्ति
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:30 AM
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