प्रदेश के 53 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और बालवाटिकाओं में पढ़ने वाले हर बच्चे के हाथ में होगी रंग-बिरंगी स्टेशनरी
प्रदेश के 53 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और बालवाटिकाओं में पढ़ने वाले हर बच्चे के हाथ में होगी रंग-बिरंगी स्टेशनरी
लखनऊः प्रदेश के 53 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और बालवाटिकाओं में पढ़ने वाले नौनिहालों की पढ़ाई और भी रंगीन हो जाएगी। इन बच्चों को हर महीने स्टेशनरी मिलेगी। पेंसिल, क्रेयान, वाटर कलर, चार्ट, फ्लैश कार्ड और कार्यपत्रक जैसी चीजें अब बच्चों की पढ़ाई का हिस्सा होंगी। यह कदम बच्चों की रचनात्मकता को निखारने और शुरुआती पढ़ाई की मजबूत नींव रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब बच्चों की पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि रंगों और चित्रों के साथ और भी रोचक बनेगी।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसके लिए 26.53 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। कुल 10 महीने के लिए इन पर 53.07 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र को 1000 रुपये प्रतिमाह स्टेशनरी खरीदने के लिए मिलेंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्टेशनरी का उपयोग बच्चों की गतिविधियों और कला-कौशल आधारित पढ़ाई में किया जाए। बच्चों को हर दिन इस्तेमाल की गई सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए भी कहा गया है, ताकि उसे अगले दिन दोबारा उपयोग किया जा सके। स्टेशनरी खरीदने का जिम्मा विद्यालय प्रबंध समिति का होगा, जिसमें प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर और प्री-प्राइमरी नोडल शिक्षक शामिल होंगे। वहीं, डायट प्राचार्य मासिक समीक्षा बैठक में प्रगति की निगरानी करेंगे और जिला स्तर पर रिपोर्ट लेंगे।
बालवाटिका के बच्चों के लिए 53 करोड़ से आएगी शिक्षण सामग्री, 53074 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र व बालवाटिका के लिए राशि स्वीकृत
लखनऊ। प्रदेश में पहले से चल रहे को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र व नई शुरू हुई बालवाटिका के बच्चों को पठन-पाठन से जुड़ी पर्याप्त शिक्षण सामग्री मिलेगी। शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) ने 53074 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र व बालवाटिका के लिए 53 करोड़ स्वीकृत किए हैं।
इसके तहत बच्चों के प्रयोग के लिए कलर पेंसिल, एचबी पेंसिल, शार्पनर, इरेजर, कलर्ड चॉक, हिंदी वर्णमाला, अंग्रेजी अल्फाबेट आदि लिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इन केंद्रों के लिए 52 सप्ताह का गतिविधि कैलेंडर जारी करते हुए तीन से छह साल के बच्चों को पढ़ाई के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है कि एआरपी, एसआरजी व डायट मेंटर अपने निर्धारित सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में इसको लागू करेंगे। वहीं शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्षता वाली कमेटी होगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि विद्यालयों में पूरी यूनिफॉर्म में सबसे अधिक उपस्थित रहने वाले छात्र का एक पूर्ण यूनिफॉर्म में फोटो फ्लेक्स पर प्रिंट कराकर कक्षा के बाहर लगाया जाना सुनिश्चित कराएं। इससे संबंधित व्यय विद्यालय की कंपोजिट ग्रांट से वहन किया जाएगा।
प्रदेश के 53 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और बालवाटिकाओं में पढ़ने वाले हर बच्चे के हाथ में होगी रंग-बिरंगी स्टेशनरी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:06 AM
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