पेयरिंग वाले विद्यालयों में अमान्य विद्यालय चलने पर दर्ज होगी एफआईआर, बेसिक शिक्षा विभाग ने दिया आदेश
पेयरिंग पर सियासत तेज़, बेसिक शिक्षा विभाग ने भी दिखाई सख्ती, दिया FIR दर्ज करवाने का आदेश
सपा की PDA पाठशाला के खिलाफ भाजपा ने खोला मोर्चा
लखनऊ : बेसिक स्कूलों की पेयरिंग पर सियासत तेज हो गई है। पेयरिंग के विरोध में सपा ने PDA पाठशाला शुरू की तो अब भाजपा ने आरोप लगाया है कि इनमें बच्चों को A फॉर अखिलेश और D फॉर डिंपल पढ़ाया जा रहा है। भाजपा ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और कहा है कि इस विकृत मानसिकता के खिलाफ हर मंच पर लड़ाई लड़ी जाएगी। इस बढ़ती राजनीति के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी बीएसए को आदेश दिया है कि कि जिन विद्यालयों की पेयरिंग की गई है, वहां सख्त निगरानी की जाए और कोई अमान्य विद्यालय संचालित मिले तो एफआईआर दर्ज कर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सपा चला रही PDA पाठशाला :
बेसिक शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की दूसरी स्कूलों में पेयरिंग कर दी है। इससे कम छात्र संख्या वाले स्कूल खाली हैं और उनमें आगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जाने के आदेश किए गए हैं। विपक्ष ने स्कूलों को बंद करने का आरोप लगाते हुए अपना विरोध तेज कर दिया है। खासतौर से विरोध के तौर पर सपा बच्चों को पढ़ाने के लिए PDA पाठशाला लगा रही है। आरोप यह है कि जो स्कूल पेयरिंग से खाली हुए हैं, वहां सपा कार्यकर्ता जबरन यह पाठशाला लगा रहे हैं। भदोही सहित कुछ जिलों में सपा कार्यकर्ताओं पर इसके लिए एफआईआर भी दर्ज की गई है।
भाजपा ने कहा-राजनीतिक विष घोलने की साजिश
भाजपा का कहना है कि पाठशाला के नाम पर सपा राजनीति कर रही है। सपा यहां अपना प्रचार कर रही है। सहारनपुर में भी इसी तरह की शिकायत आने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बच्चों के कोमल मन में राजनीतिक विष घोलने की साजिश है। यह शिक्षा नहीं समाजवादी ब्रेनवॉश है। जब सपा सत्ता में थी तब भी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया और अब भी कर रही है। अपने राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए सपा इस हद तक गिर गई कि अब वह A फॉर अखिलेश और D फॉर डिंपल का पाठ पढ़ा रही है। पाठशाला में भी उनकी सोच परिवार से आगे नहीं बढ़ पाई।
क्या है इस राजनीति की वजह?
जब से स्कूलों की पेयरिंग की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से विपक्ष इसको बड़ा मुद्दा बना रहा है। विपक्ष यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि सरकार स्कूलो को बंद कर बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। वहीं, सरकार लगातार यह समझाने की कोशिश कर रही है कि स्कूल बंद नही किए जा रहे, बल्कि उनमे बाल वाटिकाएं संचालित की जाएगी। सामूहिक संसाधन के उपयोग से शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ेगी।
विपक्ष यह भी संदेश दे रहा है कि सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ते है। विरोध में PDA पाठशाला चलाकर सपा का इशारा दलित, ओबीसी और मुस्लिम वर्ग की ओर भी है। यही वर्ग गरीब है और इनके बच्चे सरकारी स्कूलो में ज्यादा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष PDA और संविधान को मुद्दा बनाया था। इससे भाजपा को नुकसान हुआ था। भाजपा नही चाहती कि आगे इस तरह का कोई संदेश जाए। इसलिए लगातार इस मुद्दे की काट करने की कोशिश कर रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि ऐसी सूचना मिली है कि जिन विद्यालयों का विलय किया गया है, वहां पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अमान्य विद्यालय चलाने का प्रयास किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बीएसए को निर्देश दिया है कि इन विद्यालयों में बालवाटिका का संचालन किया जाएगा। ऐसे में विलय वाले विद्यालयों का निरंतर अनुश्रवण करें, यदि यहां कोई विद्यालय चलता पाया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज कराएं।
पेयरिंग वाले विद्यालयों में अमान्य विद्यालय चलने पर दर्ज होगी एफआईआर, बेसिक शिक्षा विभाग ने दिया आदेश
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:46 AM
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