5118 स्कूलों में आज से शुरू होगी बालवाटिका, झंडारोहण के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी करेंगे शुभारंभ, बच्चों को सीखने और खेलने का मिलेगा रंगीन संसार
5118 स्कूलों में आज से शुरू होगी बालवाटिका, झंडारोहण के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी करेंगे शुभारंभ, बच्चों को सीखने और खेलने का मिलेगा रंगीन संसार
लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद खाली हुए 5118 स्कूलों में 15 अगस्त से बालवाटिका की विधिवत शुरुआत होगी। झंडारोहण के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि, अभिभावक व अधिकारी इसका शुभारंभ करेंगे। यहां कक्षा एक में प्रवेश से पहले बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बालवाटिका अब 3 से 6 साल के बच्चों के सीखने और खेलने का रंगीन संसार बनेगी। महिला व बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) के सहयोग से पास के आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि 3 से 6 साल के बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है। स्कूल रेडिनेस का यह चरण पूरा होने पर बच्चा कक्षा-1 में प्रवेश के समय पढ़ाई के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा। पोषण, सुरक्षित वातावरण और आनंददायक अधिगम हमारी प्राथमिकता है। इससे बच्चों के समुचित विकास में मदद मिलेगी।
रंग-बिरंगे कक्ष और लर्निंग कॉर्नर जैसी होंगी व्यवस्थाएं
बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए बाल मैत्री फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, रंग-बिरंगे कक्षा कक्ष, लर्निंग कॉर्नर जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही अभ्यास पुस्तिका, गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए वंडर बॉक्स, शिक्षण-सामग्री और स्टेशनरी भी उपलब्ध कराई गई है। चरणबद्ध तरीके से ईसीसीई एजुकेटर्स की तैनाती भी की जा रही है। इससे पहले इन विद्यालयों की सफाई, रंगाई-पुताई और आकर्षक सजावट की गई।
बच्चों के भविष्य की नींव होगी मजबूत
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बाल वाटिकाओं के माध्यम से हम बच्चों के भविष्य की मजबूत नींव रख रहे हैं। पोषण, सुरक्षित वातावरण और आनंददायक अधिगम हमारी प्राथमिकता है ताकि हर बच्चा कक्षा-1 में प्रवेश से पहले मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हो सके। –संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
सभी परिषदीय विद्यालयों में 2026 तक बाल वाटिका शुरू करने की तैयारी, अभी विलय के बाद खाली हो रहे स्कूलों में 15 अगस्त से बाल वाटिका का होगा संचालन
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को तेजी से प्रभावी बनाने में जुट गया है। इसके तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में छह वर्ष के बच्चों के लिए बाल वाटिका शुरू करने की तैयारी है। 2026 तक बेसिक शिक्षा विभाग अपने सभी प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में इसका संचालन करेगा।
एनईपी के अनुसार प्राथमिक शिक्षा से पहले तीन से छह साल तक के बच्चों को पूर्व-प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य है। इसी के तहत सभी विद्यालयों में बाल वाटिका को तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में 1,11,621 प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय चल रहे हैं, जिसमें 70,494 प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं, यहां बाल वाटिकाओं का संचालन हो रहा है।
वहीं वर्तमान में चल रही विलय की प्रक्रिया के बाद खाली हो रहे 7 8 हजार स्कूलों में भी 15 अगस्त से इसकी शुरुआत की तैयारी है। इसके बाद शेष लगभग 35 हजार प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं, यहां भी बाल वाटिकाओं का संचालन किया जाएगा। अगले साल तक सभी जगह बाल वाटिकाएं होंगी।
इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय की पीआईबी में मिली स्वीकृति के बाद इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग ने पिछले वर्ष से अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) एजुकेटर्स की नियुक्ति शुरू की है। इस साल भी 8,800 एजुकेटर्स की भर्ती की स्वीकृति मिली है। इन सभी को रखने की प्रक्रिया चल रही है।
विभाग के अनुसार इन बाल वाटिकाओं में बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई के साथ मनोरंजन का भी अवसर मिलेगा। जहां पहले से बाल वाटिकाएं संचालित नहीं होंगी, उन विलय वाले विद्यालयों को पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
5118 स्कूलों में आज से शुरू होगी बालवाटिका, झंडारोहण के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी करेंगे शुभारंभ, बच्चों को सीखने और खेलने का मिलेगा रंगीन संसार
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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4:47 AM
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