द्विवर्षीय बी0टी0सी0 (BTC) का पाठ्यक्रम और उसकी रूपरेखा


बी0टी0सी0 (द्विवर्षीय पाठ्यक्रम) रूपरेखा

वर्तमान शैक्षिक आवश्यकताओं, अपेक्षाओं, बाल-मनोविज्ञान तथा बच्चों के सीखने-लिखने की प्रक्रिया एवं बालगत मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भिक शिक्षा के शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु नवीन शिक्षण-विधियों, तकनीकों, शैक्षिक-नवाचारों एवं समसामयिक विषयवस्तु को द्विवर्षीय बी0टी0सी0 पाठ्यक्रम में समाविष्ट किया गया है।

पाठ्यक्रम की रूपरेखा
बी0टी0सी0 द्विवर्षीय पाठ्यक्रम को चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। प्रथम वर्ष में दो सेमेस्टर तथा द्वितीय वर्ष में दो सेमेस्टर होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर 6 माह (न्यूनतम 120 शैक्षिक दिवस एवं 10 परीक्षा दिवसों) का होगा।

सेमेस्टरवार विषय विभाजन सारिणी: प्रत्येक सेमेस्टर के अन्तर्गत दो सैद्धान्तिक प्रश्न पत्र व विभिन्न विषयगत प्रश्नपत्र एवं एक माह का इण्टर्नशिप समाहित किया गया है। जिनका विवरण निम्नवत हैः-
कला/संगीत/शारीरिक शिक्षा/स्वास्थ्य में से किसी एक विषय का चयन प्रशिक्षु द्वारा प्रत्येक सेमेस्टर में किया जाएगा, जिसका मूल्यांकन विषयाध्यापक द्वारा ही किया जाएगा, इसी प्रकार समाजोपयोगी उत्पादक कार्य (एस0यू0पी0डब्लू0) विषय का भी मूल्यांकन मात्र विषय अध्यापक द्वारा ही किया जाएगा। इन विषयों की लिखित/वाह्य परीक्षा नही होगी।


बी0टी0सी0 द्विवर्षीय प्रशिक्षण हेतु पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों की योजना
प्रशिक्षणार्थियों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में संज्ञानात्मक पक्ष के साथ-साथ संज्ञान सहगामी पक्ष का महत्वपूर्ण स्थान है। पाठ्यक्रम में निहित विषयों के द्वारा जहाँ ज्ञानात्मक योग्यता का विकास होता है वहीं पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों के द्वारा उनके शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक तथा कौशलात्मक पक्ष का विकास होता है। इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए बी0टी0सी0 प्रशिक्षण में भी इन क्रियाकलापों को समाविष्ट करने की आवश्यकता है ताकि प्रत्येक प्रशिक्षु इनमें भाग लेकर इन गतिविधियों में कुशलता प्राप्त करके विद्यालयों में प्रभावी व नियोजित तरीके से इनका आयोजन करा सके व बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दे सकें।


प्रशिक्षण की सम्पूर्ण अवधि में प्रत्येक सेमेस्टर में निम्नलिखित पाठ््यसहगामी क्रियाकलापों का आयोजन नियमित रूप से समय-समय पर अनिवार्य रूप से कराया जाए-

1. राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय पर्वों/दिवसों का आयोजन
  • गणतंत्र दिवस- 26 जनवरी, स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त, गाँधी जयन्ती- 2 अक्टूबर
  • विश्व पर्यावरण दिवस- 5 जून, शिक्षक दिवस- 5 सितम्बर, मानवाधिकार दिवस- 10 दिसम्बर
2. खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन- राज्य स्तर, मण्डल स्तर तथा जनपद स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का तथा सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संध्या का आयोजन।
  • कबड्डी, खो-खो, बैडमिण्टन, बॉलीवाल, कैरम, शतरंज
  • विभिन्न प्रकार की दौड़, लम्बी कूद
  • भाला फेंक, चक्का फेंक, गोला फेंक
3. साहित्यिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
  • निबन्ध लेखन, सुलेख, प्रश्नमंच, वर्तमान के शैक्षिक मुद्दों/समस्या परिचर्चा/वाद-विवाद
  • आशुभाषण/आशुलेखन
  • काव्यगोष्ठी
  • अन्त्याक्षरी (कविता, दोहे, चौपाई, छन्द आदि पर) आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
  • कविता/कहानी लेखन (स्वरचित), स्लोगन लेखन
4. सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
  • गायन प्रतियोगिता-देशगीत, समूह गीत, भजन, लोकगीत, क्षेत्रीय भाषाओं के गीत, गज़ल, कव्वाली।
  • नृत्य प्रतियोगिता-एकल नृृत्य, समूह नृृत्य
  • वादन प्रतियोगिता-तबला, बांसुरी, सितार, गिटार, ढोलक
  • अभिनय प्रतियोगिता-नाटक, एकांकी, मूक अभिनय
5. कलात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन
  • मेंहदी प्रतियोगिता, पुष्प सज्जा, रंगोली एवं अल्पना प्रतियोगिता।
  • पेन्टिंग, पोस्टर/कोलाज निर्माण, आडियो/वीडियो क्लिप।



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द्विवर्षीय बी0टी0सी0 (BTC) का पाठ्यक्रम और उसकी रूपरेखा Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:00 AM Rating: 5

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