शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद अब उनकी खाली जगह पर 2011 में टीईटी पास को मौका मिले तो बदले विद्यालयों की सूरत


  • टीईटी पास को मौका मिले तो बदले विद्यालयों की सूरत
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद अब उनकी खाली जगह पर 2011 में टीईटी पास अभ्यर्थियों को शिक्षण का मौका देकर विद्यालयों की दशा सुधारी जा सकती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू होने के बाद प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 कराई गई थी। इसमें बेसिक शिक्षा के लिए टीईटी पास करने वालों की संख्या दो लाख 70 हजार और जूनियर हाईस्कूलों के लिए एक लाख 55 हजार अभ्यर्थी टीईटी पास हुए थे।
टीईटी पास अभ्यर्थियों को यदि प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से पांच वर्ष के भीतर नौकरी नहीं मिली तो उन्हें दोबारा टीईटी पास करना होगा। यदि शिक्षामित्रों को नौकरी मिली तो टीईटी पास को नौकरी मिलने की संभावना खत्म हो जाएगी। टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश महासचिव आरके पांडेय का कहना है कि पहली बार 2011 में प्राथमिक में कुल 2.70 लाख, उच्च प्राथमिक में 1.55 लाख अभ्यर्थी टीईटी पास हुए थे।
 
प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन के मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट में स्वीकार किया था कि प्राथमिक स्कूलों में 328220 शिक्षकों के पद खाली हैं, सरकार यदि बीएड-डीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों को नौकरी देती है तो यह प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों का योग्य विकल्प बन सकते हैं। 2011 में टीईटी पास करने वाले शिक्षामित्र आरटीई-2009 के मानक के अनुसार हैं।
खबर साभार : अमर उजाला

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद अब उनकी खाली जगह पर 2011 में टीईटी पास को मौका मिले तो बदले विद्यालयों की सूरत Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:53 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.