जूनियर हाईस्कूल में भर्तियों पर अफसरों का अड़ंगा : मुख्यमंत्री कार्यालय ने किया जवाब-तलब
सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिकों के 2272 पद चल रहे हैं खाली
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा से सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों और
शिक्षणेतर कर्मियों की भर्ती पर अफसरों को अड़ंगा भारी पड़ रहा है।
शासनादेश जारी होने के दो माह बाद भी बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने
भर्ती संबंधी निर्देश जारी नहीं किया। उनका कहना है कि कुछ बिंदुओं पर शासन
से सुझाव मांगे गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में
जवाब तलब करते हुए भर्ती प्रक्रिया अब तक शुरू न हो पाने का कारण पूछा है।
प्रदेश
में करीब 3200 सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल हैं। सत्ता में आते ही
अखिलेश सरकार ने 15 मार्च 2012 को भर्तियों पर रोक लगा दी। अन्य विभागों
में भर्ती प्रक्रिया खोल दी गई, लेकिन सहायता प्राप्त स्कूलों में इसे नहीं
खोला गया। सचिव बेसिक शिक्षा ने इन स्कूलों में रिक्त प्रधानाध्यापक के
800, सहायक अध्यापक के 1444 तथा लिपिक के 528 पदों पर भर्ती का शासनादेश 15
सितंबर 2014 को जारी करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया के वे
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत निर्देश देंगे। इसके बाद
भी बेसिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में निर्देश जारी नहीं किया। इसके चलते
भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है। कई स्कूलों की स्थिति तो यह है कि इनके यहां
एक मात्र शिक्षक के सहारे काम चलाया जा रहा है।
खबर साभार : अमर उजाला
जूनियर हाईस्कूल में भर्तियों पर अफसरों का अड़ंगा : मुख्यमंत्री कार्यालय ने किया जवाब-तलब
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:20 AM
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