तीन साल बाद गांव से शहर लौट सकेंगे गुरुजी : शासन में 15 को होगी उच्च स्तरीय बैठक
- इससे पहले 2011 में हुआ था ट्रांसफर
- संबद्धता के नाम पर भी नहीं मिल रहे शिक्षक
इलाहाबाद। लंबे समय से गांव के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक
स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शहर में तैनाती की आस जल्द पूरी होगी।
नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए 15 दिसम्बर
को लखनऊ में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में गांव से नगर
क्षेत्र में ट्रांसफर को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।प्रमुख सचिव एचएल
गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सव शिक्षा अभियान के राज्य
परियोजना निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक,
बेसिक शिक्षा निदेशक और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को बुलाया गया है। बैठक
में शिक्षकों के गांव से शहर में ट्रांसफर पर मुहर लगनी है। इससे पहले 2011
में प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों का ट्रांसफर हुआ था। दरअसल बेसिक शिक्षा
परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र में होती है।
इसके कारण शहरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।
शहर के 33 स्कूलों में 26 शिक्षक : नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है। शहर के 33 उच्च प्राथमिक स्कूलों में 26 शिक्षकों की तैनाती है जबकि प्रत्येक स्कूल में कम से कम तीन शिक्षक (भाषा, विज्ञान और सामाजिक विषय के एक-एक) होने चाहिए। जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं है उनमें अगल-बगल के स्कूल से शिक्षकों को पढ़ाने के लिए लगाया गया है।
संबद्धता के नाम पर भी नहीं मिल रहे शिक्षक : पहले स्कूलों में
अटैचमेंट के नाम पर गांव के शिक्षकों को शहर के स्कूलों में पढ़वाया जाता
था। लेकिन बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा संबद्धता पर रोक लगाए जाने के बाद से
उन्हीं स्कूलों में गांव के शिक्षक संबद्ध हैं जो एकल या बंद हैं। ऐसे
शिक्षकों की संख्या एक दजन से अधिक नहीं है।
तीन साल बाद गांव से शहर लौट सकेंगे गुरुजी : शासन में 15 को होगी उच्च स्तरीय बैठक
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:01 AM
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