बीटीसी के प्रशिक्षुओं ने दिखाई ताकत : भर्ती के लिए जारी संशोधित शासनादेश का किया विरोध
- बीटीसी 2011 के प्रशिक्षुओं को पहले नौकरी देने की मांग
इलाहाबाद।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से बीटीसी 2011, विशिष्ट बीटीसी तथा उर्दू
बीटीसी के 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी संशोधित शासनादेश का
प्रशिक्षुओं ने विरोध किया है। बीटीसी प्रशिक्षुओं का कहना है कि विभाग ने
सारे आश्वासनों को ताक पर रखकर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 10
मार्च तक बढ़ा दी है। अपनी मांग को लेकर बीटीसी प्रशिक्षुओं ने शुक्रवार को
मार्च निकाल ताकत का अहसास कराने के बाद शिक्षा निदेशालय पर अनशन शुरू कर
दिया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व
निर्धारित समय सारणी के अनुसार 13 दिसंबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू होकर 10
जनवरी तक संपन्न होनी थी। अब आवेदन प्रक्रिया 24 दिसंबर से शुरू होकर 10
मार्च को पूरी हो रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन की मंशा बीटीसी
के 2011, 2012 सत्रों के प्रशिक्षुओं की भर्ती एक सत्र में खत्म करने की
है, जबकि 2012 सत्र के अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
2011 के प्रशिक्षुओं का कहना है कि 2012 बीटीसी प्रशिक्षुओं के आने के बाद
प्रशिक्षित बेरोजगारों की संख्या 30 हजार हो जाएगी, जबकि पदों की संख्या
मात्र 15 हजार है। आधे अभ्यर्थी बेरोजगार रह जाएंगे। बीएसए इलाहाबाद की ओर
से बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी तथा उर्दू बीटीसी की जिले में खाली 400 पदों पर
नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जारी विज्ञप्ति में प्रक्रिया 24
दिसंबर से शुरू होकर 10 मार्च तक पूरी होगी।
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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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9:27 AM
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