बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर एक संघ बना लें : बेसिक शिक्षा मंत्री ने निदेशक को किया निर्देशित
- शैक्षणिक गुणात्मकता में सुधार एवं बेसिक शिक्षा के उन्नयन पर दो दिवसीय संगोष्ठी में कहा
- बेसिक शिक्षा में सुधार बेहद जरूरी : रामगोविंद
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि बेसिक शिक्षा में
सुधार की बहुत जरूरत है। इसकी गुणवत्ता में सुधार तभी आएगा जब अधिकारी व
शिक्षक मन लगाकर काम करेंगे। अभिभावकों को यह विश्वास होना चाहिए कि बेसिक
शिक्षा के विद्यालयों में भी अच्छी पढ़ाई होती है।
बेसिक
शिक्षा मंत्री शुक्रवार को लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल कॉलेज में दो
दिवसीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। ‘शैक्षणिक गुणात्मकता में सुधार एवं
बेसिक शिक्षा के उन्नयन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि हर
मां-बाप का सपना होता है कि उनका बेटा अच्छा नागरिक बने। बेसिक शिक्षा में
सुधार तभी माना जाएगा जब बड़े-बड़े विद्वान, प्रोफेसर, अधिकारी व सभी बड़े
लोग अपने बच्चों को सरकारी बेसिक स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लें।
उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर निदेशक को
निर्देशित किया है कि वे एक संघ बना लें। शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप
सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम
करता है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने कहा कि बेसिक शिक्षा में
पारदर्शिता लाने पर जोर दिया जाए। साथ ही कहा कि नैतिक शिक्षा को भी बढ़ाया
जाए।
- कई अधिकारी पुरस्कृत
बेसिक
शिक्षा में मूल परिर्वतन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मुजफ्फरनगर के
बीएसए कौश्तुभ कुमार सिंह, उन्नाव डायट के प्राचार्य सर्वानन्द,
फर्रुखाबाद के डीआईओएस भगवत पटेल को पुरस्कृत किया। खंड शिक्षा अधिकारी शिव
कुमार (मुजफ्फरनगर), विश्वास कुमार, राम प्रताप सिंह, (बाराबंकी), रुद्र्र
प्रताप यादव शाहगंज (जौनपुर), जैनेंद्र कुमार गुप्त ऊंचाहार (रायबरेली),
ममता सरकार धर्मापुर (जौनपुर), जगत सिंह ताल बेहट (ललितपुर) को बेसिक
शिक्षा विभाग में गुणात्मक सुधार के लिए पुरस्कृत किया गया।
खबर साभार : अमर उजाला
आधी रोटी खाएंगे, काला इतिहास मिटाएंगे
खंड शिक्षा अधिकारियों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिया मंत्र
विभाग के सभी संघों को खत्म कर एक संघ बनाने का निर्देश
दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहें थे बेसिक शिक्षा मंत्री
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार बंद हो : राम गोविन्द
आधी रोटी खाएंगे, काला इतिहास मिटाएंगे
खंड शिक्षा अधिकारियों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिया मंत्र
विभाग के सभी संघों को खत्म कर एक संघ बनाने का निर्देश
दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहें थे बेसिक शिक्षा मंत्री
लखनऊ : बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने शुक्रवार को खंड
शिक्षा अधिकारियों से ईमानदारी से अपना दायित्व निभाने का आह्वान
किया। खंड शिक्षा अधिकारियों को उन्होंने मूल मंत्र दिया-आधी रोटी खाएंगे,
विभाग का काला इतिहास मिटाएंगे। यह भी भरोसा दिलाया कि यदि खंड शिक्षा
अधिकारी शिक्षा विभाग की गौरवशाली परंपरा को एक साल में पुनस्र्थापित
करेंगे तो शासन उनकी सभी मांगें पूरी करेगा।
राम गोविंद शुक्रवार को इंदिरानगर सेक्टर-14 स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल कॉलेज में शुरू हुई खंड शिक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का बुनियादी आधार है। इसलिए इसमें सुधार की अति आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा में सुधार तभी माना जाएगा, जब उच्च और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लेंगे। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर उनकी जगह एक संघ बनाने का निदेशक को निर्देश दिया। अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्य शिक्षा, मार्च में स्कूल चलो अभियान और अप्रैल से नया सत्र शुरू करने का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारियों से परिषदीय स्कूलों को उनका पुराना सम्मान वापस दिलाने का आह्वान किया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया और मन लगाकर काम करने को कहा।
बेसिक शिक्षा में उल्लेखनीय कार्य के लिए इस मौके पर मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह, उन्नाव के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सर्वदानंद, फरुखाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल को सम्मानित किया गया। इनके अलावा खंड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार, विश्वास कुमार, राम प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप यादव, जैनेंद्र कुमार गुप्त, ममता सरकार, जगत सिंह को भी सम्मानित किया गया।
खबर साभार : दैनिक जागरणराम गोविंद शुक्रवार को इंदिरानगर सेक्टर-14 स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल कॉलेज में शुरू हुई खंड शिक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का बुनियादी आधार है। इसलिए इसमें सुधार की अति आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा में सुधार तभी माना जाएगा, जब उच्च और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लेंगे। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर उनकी जगह एक संघ बनाने का निदेशक को निर्देश दिया। अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्य शिक्षा, मार्च में स्कूल चलो अभियान और अप्रैल से नया सत्र शुरू करने का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारियों से परिषदीय स्कूलों को उनका पुराना सम्मान वापस दिलाने का आह्वान किया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया और मन लगाकर काम करने को कहा।
बेसिक शिक्षा में उल्लेखनीय कार्य के लिए इस मौके पर मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह, उन्नाव के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सर्वदानंद, फरुखाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल को सम्मानित किया गया। इनके अलावा खंड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार, विश्वास कुमार, राम प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप यादव, जैनेंद्र कुमार गुप्त, ममता सरकार, जगत सिंह को भी सम्मानित किया गया।
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार बंद हो : राम गोविन्द
लखनऊ। शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होना जरूरी है, जब तक यह भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा तब तक इसे गौरवशाली इतिहास वापस नहीं होगा। यह बात शुक्रवार को इंदिरा नगर सेक्टर-14 स्थित रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में शैक्षिक उन्नयन के लिए आयोजित खण्ड शिक्षाधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कही। इस अवसर पर तीन बीएसए, दो एबीएसए व पांच खण्ड शिक्षाधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने बेसिक शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों का आह्वान किया कि वे प्राथमिक स्कूलों की स्थिति में गुणवत्ता परक सुधार लायें। उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज का आईना है। बेसिक शिक्षा ही इसका मुख्य आधार है, इस कारण बेसिक शिक्षा में सुधार की अति आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज को बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी खण्ड शिक्षाधिकारियों की है। हर मां-बाप का सपना होता है, कि उनका बेटा अच्छा नागरिक बने और समाज के लिए अच्छा कार्य करे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा में सुधार तभी माना जाएगा, जब बड़े-बड़े विद्वान, प्रोफेसर, अधिकारी तथा सभी बड़े लोग अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लें। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की गौरवशाली परम्परा को एक साल में पूरा करेंगे तो खण्ड शिक्षाधिकारियों की सभी मांगों को शासन स्तर पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर निदेशक को निर्देशित किया कि वे एक संघ बना लें। उन्होंने बेसिक शिक्षा में अनिवार्य रूप से अंग्रेजी की पढ़ाई, गुणवत्ता युक्त शिक्षा, मार्च में स्कूल चलो अभियान व एक अप्रैल से नया सत्र समय से शुरू करने को कहा।
इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग देश के सबसे कमजोर बच्चे को शिक्षा देने का काम करता है। यह एक पवित्र और बहुत बड़ा उद्धार का कार्य है, जो हम आप सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला सही दिशा में जा रही है। पहले परिषदीय स्कूल का बच्चा जितना मजबूत होता था, अब नहीं है, इसी को वापस लाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यावसायीकरण हुआ है। यह एक खराब स्थिति है। बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी व शिक्षक शिक्षा के गुणात्मक सुधार में लग जाएं। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग एक परिवार है, परिवार का नाम जहां आता है, वहां सारी चुनौतियां हल करने में आसानी होती है। साथ ही कहा कि नैतिक शिक्षा को भी बढ़ाया जाए।
इस अवसर पर विशेष सचिव बेसिक शिक्षा, श्रीमती अमृता सोनी, एससीईआरटी के निदेशक सव्रेन्द्र विक्रम सिंह, बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा सहित अन्य शिक्षाधिकारी व विभिन्न जनपदों से आए खण्ड शिक्षाधिकारी उपस्थित थे। शैक्षिक उन्नयन के लिए खण्ड शिक्षाधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला तीन बीएसए, दो एबीएसए व पांच खण्ड शिक्षाधिकारी पुरस्कृत कार्यशाला का उद्घाटन करते बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चौधरी।
साभार : राष्ट्रीय सहाराइस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग देश के सबसे कमजोर बच्चे को शिक्षा देने का काम करता है। यह एक पवित्र और बहुत बड़ा उद्धार का कार्य है, जो हम आप सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला सही दिशा में जा रही है। पहले परिषदीय स्कूल का बच्चा जितना मजबूत होता था, अब नहीं है, इसी को वापस लाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यावसायीकरण हुआ है। यह एक खराब स्थिति है। बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी व शिक्षक शिक्षा के गुणात्मक सुधार में लग जाएं। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग एक परिवार है, परिवार का नाम जहां आता है, वहां सारी चुनौतियां हल करने में आसानी होती है। साथ ही कहा कि नैतिक शिक्षा को भी बढ़ाया जाए।
इस अवसर पर विशेष सचिव बेसिक शिक्षा, श्रीमती अमृता सोनी, एससीईआरटी के निदेशक सव्रेन्द्र विक्रम सिंह, बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा सहित अन्य शिक्षाधिकारी व विभिन्न जनपदों से आए खण्ड शिक्षाधिकारी उपस्थित थे। शैक्षिक उन्नयन के लिए खण्ड शिक्षाधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला तीन बीएसए, दो एबीएसए व पांच खण्ड शिक्षाधिकारी पुरस्कृत कार्यशाला का उद्घाटन करते बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चौधरी।
बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर एक संघ बना लें : बेसिक शिक्षा मंत्री ने निदेशक को किया निर्देशित
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:13 AM
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