परिषदीय शिक्षकों की तैनाती में खत्म हो सकती है रोस्टर व्यवस्था : प्रस्ताव शासन को भेजा गया जल्द ही जारी हो सकता है शासनादेश
लखनऊ। सूबे के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की तैनाती के लिए लागू रोस्टर व्यवस्था जल्द खत्म होगी। इसका सबसे बड़ा लाभ सूबे के 90 हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों से शिक्षक पदों पर समायोजित होने वाले अध्यापकों को मिलेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश पर इससे संबंधित पत्रावली शासन को भेजी जा चुकी है और जल्द ही इस बाबत शासनादेश जारी हो सकता है।
परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति पाने वाले या फिर प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों की तैनाती के लिए रोस्टर पण्राली लागू है। इसके तहत ब्लाकों को सामान्य व पिछड़ा श्रेणी के रूप में रखा गया है। मुख्य मार्ग के स्कूलों को सामान्य व दूर के विद्यालयों को पिछड़ा श्रेणी में रखकर शिक्षकों को तैनाती दी जाती है। इसी के तहत पिछड़े ब्लाकों में प्रमोशन या नौकरी में आने वाले शिक्षकों को तैनाती में प्राथमिकता दी जाती है।
राज्य में यह व्यवस्था लागू होने से हाल में प्रमोशन व तैनाती पाने वाले सामान्य ब्लाक के शिक्षकों को भी पिछड़े ब्लाकों में भेज दिया गया। सामान्य ब्लाक में तैनात शिक्षक बड़ी संख्या में रिटायर हो गये और प्रदेश में हजारों की संख्या में विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या भी शून्य तक पहुंच गयी। ऐसे विद्यालय सिर्फ शिक्षामित्रों के भरोसे पहुंच गये हैं।
शिक्षकों के संतुलन को बनाये रखने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने निदेशक बेसिक शिक्षा दिनेश बाबू शर्मा को अक्टूबर के अंत में ही निर्देश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा निदेशालय ने रोस्टर पण्राली को खत्म करने सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया। शासन में प्रस्ताव पर सहमति बन गयी है और जल्द ही इस बाबत शासनादेश जारी किया जा सकता है।
परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति पाने वाले या फिर प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों की तैनाती के लिए रोस्टर पण्राली लागू है। इसके तहत ब्लाकों को सामान्य व पिछड़ा श्रेणी के रूप में रखा गया है। मुख्य मार्ग के स्कूलों को सामान्य व दूर के विद्यालयों को पिछड़ा श्रेणी में रखकर शिक्षकों को तैनाती दी जाती है। इसी के तहत पिछड़े ब्लाकों में प्रमोशन या नौकरी में आने वाले शिक्षकों को तैनाती में प्राथमिकता दी जाती है।
राज्य में यह व्यवस्था लागू होने से हाल में प्रमोशन व तैनाती पाने वाले सामान्य ब्लाक के शिक्षकों को भी पिछड़े ब्लाकों में भेज दिया गया। सामान्य ब्लाक में तैनात शिक्षक बड़ी संख्या में रिटायर हो गये और प्रदेश में हजारों की संख्या में विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या भी शून्य तक पहुंच गयी। ऐसे विद्यालय सिर्फ शिक्षामित्रों के भरोसे पहुंच गये हैं।
शिक्षकों के संतुलन को बनाये रखने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने निदेशक बेसिक शिक्षा दिनेश बाबू शर्मा को अक्टूबर के अंत में ही निर्देश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा निदेशालय ने रोस्टर पण्राली को खत्म करने सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया। शासन में प्रस्ताव पर सहमति बन गयी है और जल्द ही इस बाबत शासनादेश जारी किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि शिक्षामित्रों से सहायक अध्यापक बनाये गये शिक्षक बड़ी संख्या में रोस्टर पण्राली लागू होने से कई किलोमीटर दूर सामान्य ब्लाक से पिछड़े ब्लाकों में भेज दिये गये हैं। इसके चलते शिक्षण कार्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। रोस्टर पण्राली खत्म करने सम्बन्धी शासनादेश लागू होने के बाद इसका सबसे बड़ा लाभ द्वितीय बैच के 90 हजार शिक्षामित्रों को तैनाती में मिलेगा।
परिषदीय शिक्षकों की तैनाती में खत्म हो सकती है रोस्टर व्यवस्था : प्रस्ताव शासन को भेजा गया जल्द ही जारी हो सकता है शासनादेश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
1:17 AM
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