साक्षर भारत मिशन : अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी,छह जिलों में समन्वयक और पाँच जिलों मे प्रेरक का ही चयन नहीं

साक्षरता अभियान में रोड़ा बनी अफसरों की लापरवाही

लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में निरक्षरों को साक्षर बनाने की मुहिम में विभागीय अधिकारी ही रोड़ा बन गए हैं। साक्षर भारत मिशन को सफल बनाने के लिए हर जिले में समन्वयक व प्रेरक की नियुक्ति होनी है, पर अधिकारियों की लापरवाही से अब तक छह जिलों में समन्वयक और पांच में प्रेरकों की चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस लापरवाही पर चिंता जताते हुए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे चयन प्रक्रिया जल्द पूरी करें।



केंद्र सरकार की इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्यों को मांग के अनुसार बजट दिए गए हैं। यूपी ने पहले चरण में 22 जिलों और दूसरे चरण में अन्य जिलों में साक्षर भारत मिशन योजना शुरू करने की अनुमति मिली है। निरक्षरों को समन्वयक व प्रेरक के माध्यम से साक्षर किया जाना है। इसके लिए साक्षर केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। सूबे में इस अभियान की स्थिति दयनीय है। शासन स्तर पर हुई समीक्षा में पता चला है कि उन्नाव, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर व सीतापुर में जिला तथा ब्लॉक समन्वयकों का चयन ही नहीं किया गया है। इसी तरह अंबेडकर नगर, गोरखपुर, उन्नाव सहारनपुर व सोनभद्र में प्रेरक नहीं नियुक्त किए गए हैं। इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि चयन प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए, जिससे निरक्षरों को साक्षर किया जा सके।
खबर साभार : अमर उजाला
  • छह जिलों में समन्वयक नहीं 
  • कई लोक शिक्षा केंद्रों पर न तो पढ़ाने के लिए सामग्री भेजी गई और न ही प्रेरकों का मानदेय
  • मुख्य सचिव ने जताई सख्त नाराजगी 
  • साक्षर भारत मिशन को सफल बनाने में अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी
      
लखनऊ। साक्षर भारत मिशन को सफल बनाने में अफसरों की लापरवाही भारी पड़ रही है। यही वजह है कि अब तक प्रदेश के छह जिलों में जिला एवं ब्लॉक समन्वयकों का चयन ही नहीं हो सका। जबकि पांच जिले ऐसे भी हैं जहां प्रेरक ही नहीं चयनित किए जा सके। लापरवाही का आलम यह है कि कई लोक शिक्षा केंद्रों के लिए न तो पढ़ाने के लिए सामग्री भेजी गई और न ही प्रेरकों का मानदेय। इस पर मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सख्त नाराजगी जताते हुए मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं।  अब किराए के भवनों में डीआईओएस दफ्तर नहीं  अब जिला विालय निरीक्षक कार्यालय किराए के भवनों में नहीं चलाए जाएंगे। उनके लिए नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। इस संबंध में उप शिक्षा निदेशक (शिविर) ओंकार शुक्ल ने सभी जिला विालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर प्रस्ताव मांगा है। उन्होंने कहा है कि जिन डीआईओएस कार्यालय के पास अपना भवन नहीं है, जो किराए के भवनों या अन्यत्र भवन में संचालित हो रहे हैं, उनके नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव भूमि के अभिलेखों के साथ तत्काल भेजें।
  • इन जिलों में नहीं जिला व ब्लॉक समन्वयक  :- 
    उन्नाव, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर ऐसे जिले हैं जहां अब तक जिला समन्वयकों एवं ब्लॉक समन्वयकों का चयन नहीं किया गया है। इसी तरह अंबेडकर नगर, गोरखपुर, उन्नाव सहारनपुर एवं सोनभद्र में प्रेरक तक नहीं चयन किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा है कि कई बार पत्र भेजे जाने के बाद भी न तो उसका संज्ञान नहीं लिया गया और न ही कार्रवाई की गई। 
    यहां नहीं बांटा गया मानदेय :-
    मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक साक्षर भारत योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित किए जाने वाले लोक शिक्षा केंद्रों के लिए सामग्री, प्रशिक्षण एवं प्रेरकों का मानदेय आदि भी वितरण नहीं किया जा रहा है।     
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट

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साक्षर भारत मिशन : अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी,छह जिलों में समन्वयक और पाँच जिलों मे प्रेरक का ही चयन नहीं Reviewed by Brijesh Shrivastava on 11:30 PM Rating: 5

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