40 दिन का मुफ्त वेतन देने से बचने के लिए अंशकालिक अनुदेशकों के कार्यभार ग्रहण पर लगी रोक, अब पहली जुलाई को कार्यभार ग्रहण कराने की है तैयारी
- अंशकालिक अनुदेशकों का मामला : कार्यभार ग्रहण पर लगी रोक
- कई जिलों में तय समय में नहीं पूरी हुई अभिलेखों की जांच व अनुबंध
- अब पहली जुलाई को कार्यभार सौंपने की मंशा
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर तैनात किए जाने वाले अंशकालिक अनुदेशकों को 30 अप्रैल को कार्यभार ग्रहण कराने पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है। इस बारे में सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक शीतल वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश जारी कर दिया है। वर्तमान में 11907 अंशकालिक अनुदेशकों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।
शीतल वर्मा ने बताया कि कुछ जिलों में चयन के योग्य पाये गए अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन और उनके साथ अनुबंध की कार्यवाही तय समय में पूरी न हो पाने के कारण अंशकालिक अनुदेशकों के कार्यभार ग्रहण करने पर फिलहाल रोक लगाई गई है। अंशकालिक अनुदेशकों का चयन 11 महीने की अवधि के लिए संविदा के आधार पर किया जाता है। परिषदीय स्कूलों में 21 मई से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां होंगी। ऐसे में अंशकालिक अनुदेशक यदि कार्यभार ग्रहण कर भी लेते तो 20 दिन बाद 40 दिनों के लिए स्कूल बंद हो जाते। यदि अनुदेशकों को 30 अप्रैल को कार्यभार ग्रहण करा दिया जाता तो उन्हें बिना पढ़ाये 40 दिनों के मानदेय का भुगतान करना पड़ता।
अंशकालिक अनुदेशक 11 महीने की संविदा पर रखे जाने हैं, इसलिए उनके साथ जुलाई से मई तक का अनुबंध किया जाएगा। इस बीच 20 मई तक अनुदेशकों के अभिलेखों का सत्यापन पूरा किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किये गए हैं, उन्हें 25 मई तक नियुक्ति पत्र जारी कर दिये जाएंगे। जून में अनुबंध की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंशकालिक अनुदेशकों को पहली जुलाई से कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। इससे पहले चयनित लगभग 30 हजार अनुदेशकों के साथ भी जुलाई से मई तक का अनुबंध किया गया है। पिछले वर्ष तक परिषदीय स्कूलों का शैक्षिक सत्र पहली जुलाई से शुरू होता था। वहीं इस साल पहली अप्रैल से सत्र शुरू होने के कारण यह तब्दीली करनी पड़ी।
शीतल वर्मा ने बताया कि कुछ जिलों में चयन के योग्य पाये गए अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन और उनके साथ अनुबंध की कार्यवाही तय समय में पूरी न हो पाने के कारण अंशकालिक अनुदेशकों के कार्यभार ग्रहण करने पर फिलहाल रोक लगाई गई है। अंशकालिक अनुदेशकों का चयन 11 महीने की अवधि के लिए संविदा के आधार पर किया जाता है। परिषदीय स्कूलों में 21 मई से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां होंगी। ऐसे में अंशकालिक अनुदेशक यदि कार्यभार ग्रहण कर भी लेते तो 20 दिन बाद 40 दिनों के लिए स्कूल बंद हो जाते। यदि अनुदेशकों को 30 अप्रैल को कार्यभार ग्रहण करा दिया जाता तो उन्हें बिना पढ़ाये 40 दिनों के मानदेय का भुगतान करना पड़ता।
अंशकालिक अनुदेशक 11 महीने की संविदा पर रखे जाने हैं, इसलिए उनके साथ जुलाई से मई तक का अनुबंध किया जाएगा। इस बीच 20 मई तक अनुदेशकों के अभिलेखों का सत्यापन पूरा किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किये गए हैं, उन्हें 25 मई तक नियुक्ति पत्र जारी कर दिये जाएंगे। जून में अनुबंध की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंशकालिक अनुदेशकों को पहली जुलाई से कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। इससे पहले चयनित लगभग 30 हजार अनुदेशकों के साथ भी जुलाई से मई तक का अनुबंध किया गया है। पिछले वर्ष तक परिषदीय स्कूलों का शैक्षिक सत्र पहली जुलाई से शुरू होता था। वहीं इस साल पहली अप्रैल से सत्र शुरू होने के कारण यह तब्दीली करनी पड़ी।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश के 13769 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 41307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती होनी है। प्रत्येक उच्च प्राथमिक स्कूल में कला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा तथा कार्य शिक्षा के एक-एक अंशकालिक अनुदेशक की भर्ती होनी है। इनमें से लगभग 30 हजार अनुदेशकों का चयन पहले हो चुका है। बचे हुए 11907 अंशकालिक अनुदेशकों के चयन के लिए 25 दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी हुआ था। अंशकालिक अनुदेशकों को हर महीने 7000 रुपये मानदेय मिलेगा।
खबर साभार : दैनिक जागरण
- उच्च प्राइमरी स्कूलों में अनुदेशकों के कार्यभार संभालने पर रोक
- संशोधित कार्यक्रम जारी, अब 1 जुलाई को ग्रहण करेंगे कार्यभार
लखनऊ।
उच्च प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त किए गए अनुदेशकों के कार्यभार ग्रहण
करने पर रोक लगा दी गई है। उन्हें पहले 30 अप्रैल तक कार्यभार ग्रहण कराया
जाना था, लेकिन अब 1 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। सर्व शिक्षा
अभियान की राज्य परियोजना निदेशक शीतल वर्मा ने इस संबंध में गुरुवार को
संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश
दिया गया है कि इसके आधार पर ही अब अनुदेशकों को कार्यभार स्कूलों में
ग्रहण कराया जाएगा। इनसे अब 1 जुलाई 2015 से 30 मई 2016 तक काम लिया
जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत उच्च
प्राइमरी स्कूलों में 7000 रुपये प्रतिमाह मानदेय पर 11,907 अंशकालिक
अनुदेशकों को रखने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेते हुए मार्च में काउंसलिंग कराई
गई थी। इन्हें 30 अप्रैल तक स्कूलों में जॉइन कराते हुए अनुबंध पत्र भरवाया
जाना था। केंद्रीय मानव विकास मंत्रालय की शर्तों के अनुसार अनुदेशकों का
अनुबंध 11 माह के लिए किया जाएगा। चयनित होने वाले अनुदेशकों को यदि अप्रैल
में ही जॉइन करा दिया जाता तो यह 11 माह से अधिक हो रहा था। ऐसे में
अनुदेशकों को शेष माह के मानदेय पर संकट खड़ा हो जाता।
इसे
देखते हुए परियोजना निदेशालय ने चयनित होने वालों की जॉइनिंग के लिए शासन
से संशोधित कार्यक्रम भेजते हुए अनुमति मांगी थी। वहां से अनुमति के बाद
संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक अब 1 से 20 मई तक
इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाएगा और 25 मई तक सभी पात्रों को
नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे। जून में चयनित होने वाले अनुदेशकों से अनुबंध
पत्र भराया जाएगा और 1 जुलाई को कार्यभार ग्रहण करा दिया जाएगा।
साभार : अमर उजाला |
40 दिन का मुफ्त वेतन देने से बचने के लिए अंशकालिक अनुदेशकों के कार्यभार ग्रहण पर लगी रोक, अब पहली जुलाई को कार्यभार ग्रहण कराने की है तैयारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:41 AM
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