प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति पर लटकी तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने चेताया - मामला गंभीर है आरोप सही हुए तो नियुक्तियां रद्द होंगी, ऑनलाइन नियुक्ति डाटा करने का दिया आदेश

  • 73 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर लटकी तलवार
  • सरकार वेबसाइट पर जारी करे लिस्ट: सुप्रीम कोर्ट
  • सुप्रीम कोर्ट ने चेताया:  मामला गंभीर है
  • आरोप सही हुए तो नियुक्तियां रद्द होंगी
  • अभ्यर्थियों के आरोप : 20 हजार नियुक्तियां जो टीईटी पास नहीं
उत्तर प्रदेश में जारी 72,825 शिक्षकों की भर्ती पर तलवार लटकती नजर आ रही है। भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर आरोप सही पाए गए तो सभी नियुक्तियां रद्द हो जाएंगी।
साभार : नवभारत टाइम्स 



न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के दौरान अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि बगैर टीईटी के ही करीब 20 हजार नियुक्तियां हुई हैं। इस पर पीठ ने कहा कि अगर ऐसा है तो यह बेहद गंभीर मामला है। हालांकि अदालत ने शिकायतकर्ता को हलफनामे के जरिये अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि हलफनामा देखने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
  • कैसे हो रहा खेल
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी पाने के खेल में बेसिक शिक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। एससीईआरटी ने वर्ष 2011 में हुई टीईटी के प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन कर दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को साफ निर्देश है कि वे टीईटी प्रमाणपत्रों का मिलान किए बिना नियुक्ति पत्र नहीं देंगे। इसके बाद भी कई जिलों में नियुक्ति पत्र बांट दिए गए। सूत्रों का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्र में रोल नंबर से लेकर अंक तक गड़बड़ भरे गए हैं।

राज्य सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 72,825 में से 54,146 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। बाकी नियुक्तियां भी जल्द हो जाएंगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सरकार नियुक्त किए गए शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर जारी करे।

खबर साभार : अमर उजाला 

 
 सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का ब्योरा वेबसाइट पर ऑनलाइन करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने चेतावनी भी दी है कि अगर गड़बड़ी पाई गई तो भर्तियां निरस्त कर दी जाएंगी। कोर्ट ने ये आदेश भर्तियों पर आपत्ति उठाने वाले उम्मीदवार के वकील को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मंगलवार को जारी किए।

  • शिक्षक नियुक्ति का ब्योरा नेट पर डालो
  • अयोग्य अभ्यर्थियों की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
  • 54,146 लोगों ने ज्वाइन कर ली है नौकरी : राज्य सरकार
  • गड़बड़ी पर निरस्त होंगी भर्तियां
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों के 72,825 पदों पर भर्ती होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भर्ती कर ब्योरा पेश करने को कहा था। मंगलवार को प्रदेश सरकार की ओर से दी गई स्थिति रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि 72,825 रिक्तियों के लिए सभी योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं और उनमें से 54,146 लोगों ने नौकरी ज्वाइन भी कर ली है। हालांकि नौकरी न पाने वाले असफल उम्मीदवारों की ओर से पेश वकील ने भर्तियों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भर्ती किए गए करीब 20 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी परीक्षा पास ही नहीं की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मसला गंभीर है।

कोर्ट ने आरोप लगाने वाले वकील से कहा कि वे इस बारे में हलफनामा दाखिल करें और अगर नियुक्तियां गलत पाई गईं तो भर्ती रद कर दी जाएगी। भर्तियों पर सवाल उठा रहे वकील ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भर्तियों का ब्योरा वेबसाइट पर नहीं डाला है, ऐसे में सबके बारे में पता करना मुश्किल होगा। इस पर पीठ ने प्रदेश सरकार से ब्योरा ऑनलाइन करने के बारे में पूछा। सरकार ने कहा कि इसमें कुछ सप्ताह लगेंगे तो कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह नियुक्त किए गए लोगों का सारा ब्योरा ऑनलाइन करे। मामले में छह जुलाई को फिर सुनवाई होगी।

खबर साभार : हिन्दुस्तान


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प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति पर लटकी तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने चेताया - मामला गंभीर है आरोप सही हुए तो नियुक्तियां रद्द होंगी, ऑनलाइन नियुक्ति डाटा करने का दिया आदेश Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:55 AM Rating: 5

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