यूपी में चार हजार शौचालयों का होगा निर्माण : कॉरपोरेट सेक्टर बनवाएगा स्कूलों में शौचालय
राज्य मुख्यालय। केन्द्र सरकार का पैसा, न राज्य सरकार का
बजट। यूपी के प्राइमरी स्कूलों के 4 हजार से ज्यादा शौचालयों को बनवाने व
मरम्मत करने की जिम्मेदारी कॉरपोरेट सेक्टर ने उठाई है। एनटीपीसी, इण्डियन
ऑयल कॉरपोरेशन, कोल इण्डिया, एलआईसी सरीखी 15 कम्पनियों ने अपनी सामाजिक
जिम्मेदारी के तहत इस काम का बीड़ा उठाया है।
राज्य और केन्द्र के बीच बजट की तनातनी के बीच ये रास्ता निकाला है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने। स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय बनवाने पर जोर है लेकिन बजट की मारामारी हमेशा रही है। लिहाजा यूपी के भी 4311 स्कूलों के शौचालयों की जिम्मेदारी इन कम्पनियों पर सौंपी गई हैं। इनमें से 1876 शौचालय नए बनने हैं। ये 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मंजूर किए गए थे लेकिन बजट के अभाव में इनका निर्माण अभी तक नहीं हो पाया। वहीं 2435 शौचालय ऐसे हैं जो इस्तेमाल करने लायक नहीं रह गए हैं। लिहाजा इनकी मरम्मत भी यही कम्पनियां करेंगी। ये काम जून के अंत तक पूरा किया जाना है।
इसमें सबसे ज्यादा दशा बलिया की सुधरेगी। यहां 2190 शौचालयों का जिम्मा रूरल इलेक्ट्रिकल कॉरपोरेशन ने उठाया है। वहीं कोल इण्डिया ने भी 829 शौचालयों को सुधारने का बीड़ा उठाया है।
क्या है सामाजिक जिम्मेदारी : कॉरपोरेट कम्पनियों को समाज के लिए कुछ काम कॉरपोरेट सोशल रिसपाँसबिलिटी (सीएसआर) के तहत करने होते हैं। इसके लिए कम्पनी एक्ट ने नियम बनाए हुए हैं कि निश्चित टर्नओवर या लाभ या कम्पनी की कीमत के आधार पर इसे तय किया जाता है। औसतन लाभ के कम से कम 2 फीसदी तक का खर्च सामाजिक जिम्मेदारी के तहत किया जाता है।
राज्य और केन्द्र के बीच बजट की तनातनी के बीच ये रास्ता निकाला है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने। स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय बनवाने पर जोर है लेकिन बजट की मारामारी हमेशा रही है। लिहाजा यूपी के भी 4311 स्कूलों के शौचालयों की जिम्मेदारी इन कम्पनियों पर सौंपी गई हैं। इनमें से 1876 शौचालय नए बनने हैं। ये 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मंजूर किए गए थे लेकिन बजट के अभाव में इनका निर्माण अभी तक नहीं हो पाया। वहीं 2435 शौचालय ऐसे हैं जो इस्तेमाल करने लायक नहीं रह गए हैं। लिहाजा इनकी मरम्मत भी यही कम्पनियां करेंगी। ये काम जून के अंत तक पूरा किया जाना है।
इसमें सबसे ज्यादा दशा बलिया की सुधरेगी। यहां 2190 शौचालयों का जिम्मा रूरल इलेक्ट्रिकल कॉरपोरेशन ने उठाया है। वहीं कोल इण्डिया ने भी 829 शौचालयों को सुधारने का बीड़ा उठाया है।
क्या है सामाजिक जिम्मेदारी : कॉरपोरेट कम्पनियों को समाज के लिए कुछ काम कॉरपोरेट सोशल रिसपाँसबिलिटी (सीएसआर) के तहत करने होते हैं। इसके लिए कम्पनी एक्ट ने नियम बनाए हुए हैं कि निश्चित टर्नओवर या लाभ या कम्पनी की कीमत के आधार पर इसे तय किया जाता है। औसतन लाभ के कम से कम 2 फीसदी तक का खर्च सामाजिक जिम्मेदारी के तहत किया जाता है।
यूपी में चार हजार शौचालयों का होगा निर्माण : कॉरपोरेट सेक्टर बनवाएगा स्कूलों में शौचालय
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:30 AM
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