नियम-कानून दरकिनार कर शिक्षामित्रों के समयोजन से अभ्यर्थियों में बढ़ा आक्रोश, अन्य भर्तियों पर सरकार के रवैये ने लटकाई भर्ती प्रक्रिया, उर्दू भर्ती की फिर एक बार तैयारी

  • 44334 शिक्षकों की भर्ती में पेंच ही पेंच
  • डीएडवालों की नहीं होगी कोई भर्ती
  • दो हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती तैयारियां शुरू 
  • जूहा में 29334 पदों के लिए टेट में 82 अंक वालों से भी लिया जाएगा आवेदन
  • बीटीसी-2011 के 15 हजार पदों के लिए भी फिर से लिया जाएगा आनलाइन आवेदन पत्र
  • नियम-कानून दरकिनार कर शिक्षामित्रों के समयोजन से अभ्यर्थियों में बढ़ा आक्रोश

प्रदेश की सपा सरकार परिषदीय विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूल में भर्ती प्रक्रिया के सारे नियम - कानून तोड़ते हुए जहां एक तरफ साढ़े तीन लाख शिक्षामित्रों को स्थायी करने में दिन-रात एक किये हुए है वहीं दूसरी ओर बीटीसी-बीएड और टीईटी डिग्री धारकों को नौकरी देने के नाम पर कई वर्ष से परेशान किया जा रहा है। इससे लाखों अभ्यर्थीपरेशान होकर शासन और शिक्षा निदेशालय का चक्कर लगा रहे है। इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया के अभी पूरा होने की संभावना नहीं दिख रही है । इससे अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है।

जूनियर हाईस्कूल में गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए काउंसलिंग हो चुकी थी। इसी बीच कोर्टसे आदेश आया कि टीईटी में 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जाये। इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो गयी है। बेसिक शिक्षा परिषद अभ्यर्थियों को अगले हफ्ते नियुक्ति पत्र देने जा रहा था लेकिन वह कार्यक्रम अब स्थगित हो गया है। शासन के निर्देश पर टीईटी परीक्षा में 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों के आनलाइन आवेदन लिये जाने, उनकी काउंसलिंग की तैयारियां शुरूहो गयी है। इससे यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित हो गयी है। यह भर्ती प्रक्रिया कब तक पूरी होगी , इसके बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं बता पा रहा है।

बीटीसी-2011 के तहत 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन पत्र और संशोधन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है लेकिन काउंसलिंग की तिथि अभी तक घोषित नहीं हुई है।इससे हजारों अभ्यर्थी परेशान है। वह काउंसलिंग और नियुक्ति के लिए शासन और शिक्षा निदेशालय का चक्कर लगा रहे है लेकिन यह भर्ती प्रक्रिया भी पूरी तरह से फं सती जा रही है। इसके अभी शीघ्र शुरूहोने की कहीं से भी संभावना नहीं दिख रही है।

बीटीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष योगेश पाण्डेय का कहना है कि प्रदेश सरकार जिन साढ़े तीन लाख शिक्षामित्रों को नियम कानून दर किनार करके समायोजित कर रही है उनको हटना होगा। कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव 2017 में बीटीसी के अभ्यर्थी प्रदेश सरकार को मुंह तोड़ जवाब देंगे क्योंकि शिक्षक बनने के पहले जिस तरह से हजारों अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है उसकी कीमत प्रदेश सरकार को चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र संविदा कर्मी थी। उनको स्थायी करने के लिए बेसिक शिक्षा में पदोन्नति तक की अवधि कम कर दी गयी है। उन्होंने टीईटी भी नहीं किया है लेकिन केन्द्र सरकार के रोकने के बावजूद स्थायी करके प्रदेश की बेसिक शिक्षा की लुटिया डुबोयी जा रही है।
  • दो हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती तैयारियां शुरू
प्रदेश की सपा सरकार का तुष्टीकरण की तरफ तेजी से कदम बढ़ रहा है। अभी उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हुई नहीं हुई कि दूसरी ओर करीब दो हजार पदों पर भर्ती की तैयारियां शुरूहो गयी है। सभी जिलों में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा बेसिक शिक्षा विभाग ने तलब किया है। यह ब्यौरा आते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी जो तीन माह में पूरी कर ली जायेगी। इसके पहले टीईटी करने वाले उर्दू शिक्षकों को परिषदीय विद्यालयों में नौकरी मिल चुकी है।

  • डीएडवालों की नहीं होगी कोई भर्ती
इलाहाबाद।बीटीसी­-2011 के 15 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती प्रक्रिया में डीएड अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जायेगा। बेसिक शिक्षा के विभागीय सूत्रों ने बताया कि ऐसा करने पर दूसरे प्रदेश के बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका मिल जायेगा जबकि उनकी डिग्री वैध है या नहीं। इसको लेकर संशय बना हुआ है। इस पर विभाग ने निर्णय लिया है।


साभार : सहारा 




खबर साभार : अमर उजाला / दैनिक जागरण / हिन्दुस्तान / डेली न्यूज एक्टिविस्ट

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नियम-कानून दरकिनार कर शिक्षामित्रों के समयोजन से अभ्यर्थियों में बढ़ा आक्रोश, अन्य भर्तियों पर सरकार के रवैये ने लटकाई भर्ती प्रक्रिया, उर्दू भर्ती की फिर एक बार तैयारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 9:09 AM Rating: 5

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