पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार देने से इन्कार, बेसिक शिक्षकों ने 65 वर्ष की आयु तक मांगा था विस्तार, माध्यमिक के उलट बेसिक शिक्षकों को एक और झटका
- पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार देने से इन्कार
- बेसिक शिक्षकों ने 65 वर्ष की आयु तक मांगा था विस्तार
- बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव किया खारिज
माध्यमिक शिक्षा विभाग की तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को एक साल का अतिरिक्त सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को 64 साल की आयु में ही सेवानिवृत्त होना होगा। विभाग ने सोमवार को इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के दो साल के सेवा विस्तार में एक साल की वृद्धि की थी जिसके बाद उनकी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष हो गई थी। इसी आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने भी ऐसी ही मांग की और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। उच्च न्यायालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को मामले के निस्तारण के आदेश दिए। बेसिक शिक्षा विभाग ने मांग को नामंजूर करते हुए अपने विभाग के राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 64 वर्ष ही रखने का निर्णय किया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के दो साल के सेवा विस्तार में एक साल की वृद्धि की थी जिसके बाद उनकी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष हो गई थी। इसी आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने भी ऐसी ही मांग की और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। उच्च न्यायालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को मामले के निस्तारण के आदेश दिए। बेसिक शिक्षा विभाग ने मांग को नामंजूर करते हुए अपने विभाग के राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 64 वर्ष ही रखने का निर्णय किया है।
साभार : जागरण |
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय और सहायता प्राप्त स्कूलों के राज्य व
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को 65 साल तक सेवा विस्तार देने से
इन्कार कर दिया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने सोमवार को इस संबंध
में शासनादेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा है कि पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों
को पूर्व से दो साल का सेवा विस्तार देते हुए 64 साल पर रिटायर किया जा रहा
है। लिहाजा उन्हें 65 वर्ष की आयु तक सेवा विस्तार देने का कोई औचित्य
नहीं है।
परिषदीय और सहायता प्राप्त जूनियर
हाईस्कूलों के राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों ने यह तर्क
दिया था कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेंकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) के पुरस्कार
प्राप्त शिक्षकों को 65 वर्ष की आयु तक सेवा विस्तार दिया जाता है। इसको
लेकर बिजनौर के प्रधानाध्यापक सआदत हुसैन व राजेश प्रसाद और भटनी देवरिया
के जय नारायन तिवारी ने हाईकोर्ट में पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो साल
के स्थान पर तीन साल का सेवा विस्तार देने का वाद दायर किया था। हाईकोर्ट
ने राज्य सरकार से इनका प्रत्यावेदन निस्तारित करने का आदेश दिया था। इसी
तरह उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ जालौन के
जिलाध्यक्ष बालक राम व्यास ने सेवा विस्तार तीन साल देने का अनुरोध राज्य
सरकार से किया था।
- परिषद पर नहीं लागू होता है सीबीएसई का प्रावधान :
सचिव
बेसिक शिक्षा ने शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक और सहायता प्राप्त
स्कूलों के शिक्षकों को 62 वर्ष की आयु पर रिटायर किया जाता है। राष्ट्रीय व
राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा, उत्तम
स्वास्थ्य व उत्तम आचरण के आधार पर दो साल का सेवा विस्तार देते हुए 64 साल
पर रिटायर किया जाता है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद पर सीबीएसई का
प्रावधान लागू नहीं होता है। इसलिए 65 वर्ष की आयु तक सेवा विस्तार देने का
कोई औचित्य नहीं है।
खबर साभार : अमर उजाला |
पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार देने से इन्कार, बेसिक शिक्षकों ने 65 वर्ष की आयु तक मांगा था विस्तार, माध्यमिक के उलट बेसिक शिक्षकों को एक और झटका
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:59 AM
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