मास्साब पर रहेगी मानीटरिंग सिस्टम की नजर, गुरु जी-अभिभावकों के बीच होगा संवाद, शैक्षिक सत्र 2015-16 को ‘शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष’ के रूप में मनाने का फरमान
- मास्साब पर रहेगी मानीटरिंग सिस्टम की नजर
परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ने एक विशेष कदम उठाया है। विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए आवश्यक प्रयास होंगे ही शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति पर मानीटरिंग सिस्टम से नजर रखी जाएगी। शैक्षिक सत्र 2015-16 को ‘शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष’ के रूप में मनाने के लिए शासन स्तर से फरमान जारी किया गया है।
शासन स्तर से लागू की गई व्यवस्था में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मंडलायुक्त व जिलाधिकारी के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को फरमान जारी किया गया। जिसमें न केवल विद्यालयों में बच्चों के पढ़ाने का तरीका बदला जाएगा। बच्चों को पढ़ने के लिए बाल साहित्य मिलेगा और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की गणित व विज्ञान परंपरागत पढ़ाई के बजाय ‘आओ करके सीखे’ पर जोर देकर इसके लिए आवश्यक सामग्री भी विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक विद्यालय व विद्यार्थी के पढ़ने लिखने की क्षमता व प्रगति का नियमित आंकलन होगा। पठन-पाठन के स्तर को जांचने के लिए नियमित घरेलू परीक्षाएं होगी। कमजोर बच्चों के लिए विशेष इंतजाम कर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कर विद्यालय में दिखाया जाएगा।
बच्चों के शैक्षिक स्तर पर ही विद्यालय और शिक्षक शिक्षिकाओं का मूल्यांकन होगा। विद्यालयों के परफारमेंस का आंकलन करने के लिए विद्यालय श्रेणीकरण की नवीन व्यवस्था लागू की जाएगी। उत्कृष्ट परफारमेंस करने वाले शिक्षकों और विद्यालयों को प्रोत्साहन देने की व्यवस्था होगी। वहीं विद्यालयों में शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही बच्चों की भी संख्या बढ़ाने के लिए मानीटरिंग सिस्टम से नजर रखी जाएगी। जिसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा वेब-बेस्ड मानीटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। राज्य, मंडल, जिला और फिर ब्लाक स्तर पर सघन निरीक्षण अभियान चलेगा। निरीक्षण की आख्या जिला स्तर पर ही नहीं निदेशालय को भी भेजी जाएंगी और उन पर की गई कार्रवाई को भी अवगत कराया जाएगा। आख्या और कार्रवाई को मानीटरिंग सिस्टम पर फीड किया जाएगा और फिर निदेशालय से ही बच्चों और शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति व शिक्षा के स्तर की समीक्षा कर कार्रवाई होगी।
बच्चों के शैक्षिक स्तर पर ही विद्यालय और शिक्षक शिक्षिकाओं का मूल्यांकन होगा। विद्यालयों के परफारमेंस का आंकलन करने के लिए विद्यालय श्रेणीकरण की नवीन व्यवस्था लागू की जाएगी। उत्कृष्ट परफारमेंस करने वाले शिक्षकों और विद्यालयों को प्रोत्साहन देने की व्यवस्था होगी। वहीं विद्यालयों में शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही बच्चों की भी संख्या बढ़ाने के लिए मानीटरिंग सिस्टम से नजर रखी जाएगी। जिसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा वेब-बेस्ड मानीटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। राज्य, मंडल, जिला और फिर ब्लाक स्तर पर सघन निरीक्षण अभियान चलेगा। निरीक्षण की आख्या जिला स्तर पर ही नहीं निदेशालय को भी भेजी जाएंगी और उन पर की गई कार्रवाई को भी अवगत कराया जाएगा। आख्या और कार्रवाई को मानीटरिंग सिस्टम पर फीड किया जाएगा और फिर निदेशालय से ही बच्चों और शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति व शिक्षा के स्तर की समीक्षा कर कार्रवाई होगी।
- गुरु जी-अभिभावकों के बीच होगा संवाद :
विद्यालय संचालन में विद्यालय प्रबंध समिति की मदद तो ली ही जाएगी। प्रत्येक माह अभिभावकों की बैठक भी होगी। बच्चों के घर से लेकर विद्यालय तक की गतिविधि पर चर्चा होगी। मसलन बच्चे की घर में गतिविधि क्या रहती। पढ़ाई के प्रति वह कितना सक्रिय है, बच्चा कहां व किन क्षेत्रों में बेहतर कर रहा है। पूर्ण शिक्षा के लिए अभिभावकों से भी राय ली जाएगी।
खबर साभार : दैनिक जागरण |
मास्साब पर रहेगी मानीटरिंग सिस्टम की नजर, गुरु जी-अभिभावकों के बीच होगा संवाद, शैक्षिक सत्र 2015-16 को ‘शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष’ के रूप में मनाने का फरमान
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:10 AM
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