निजी बीटीसी कॉलेजों के प्रबंधन के दबाव में बीटीसी 2014 सत्र शून्य का फैसला बदला, बेसिक शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भी बीटीसी की 50000 सीटस में प्रवेश कराने का फैसला
- दबाव में सत्र शून्य का फैसला बदला
- बेसिक शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भी बीटीसी 2014 में प्रवेश कराने का फैसला
बेसिक शिक्षा विभाग में सब कुछ मंत्री का कहा नहीं होता है। इसका ताजा उदाहरण बीटीसी 2014 में प्रवेश को लेकर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री का दिया गया बयान है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने अपने एक बयान में कहा था कि बीटीसी 2013 में प्रवेश में देरी के कारण बीटीसी 2014 सत्र को शून्य घोषित करके सीधे 2015 सत्र के लिए प्रवेश दिया जाएगा। मंत्री के इस बयान के बाद निजी बीटीसी कॉलेजों के प्रबंधन ने प्रवेश नहीं होने की स्थिति में अपनी आर्थिक हानि होते देख सरकार पर दबाव बनाकर बीटीसी 2014 को शून्य करने के फैसले पर रोक लगवा दी। अब सरकार के प्रस्ताव पर परीक्षा नियामक की ओर से बीटीसी 2014 की परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
2014 सत्र शून्य होने के बाद सरकार
बीटीसी 2015 में प्रवेश प्रक्रिया इसी साल में पूरी करने की कोशिश करती
परंतु बीटीसी 2014 में प्रवेश कराने के निर्णय के बाद अब बीटीसी का सत्र दो
से तीन वर्ष पिछड़ने की संभावना बन गई है। सरकारी अधिकारी भी यही मान रहे
हैं कि बीटीसी कॉलेजों के अधिकांश प्रबंधक सत्ता में बैठे विधायक, मंत्री
एवं अधिकारी हैं। प्रवेश नहीं होने की स्थिति में प्रबंधन के लाखों की हानि
को देखते हुए सरकार ने अपना फैसला बदला है। प्रदेश के सभी जिलों में स्थित
डायट के साथ इस समय निजी प्रबंधन के 709 निजी बीटीसी कॉलेज है, 118 निजी
बीटीसी कॉलेजों को मान्यता मिलने वाली है। इन सभी कॉलेजों में प्रति 50 सीट
के हिसाब से प्रवेश होना है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से अभी तक
बीटीसी 2013 का प्रवेश जारी है। प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साल भर
बीतने के बाद भी अभी तक पहले सत्र की परीक्षा पूरी नहीं हो सकी है। प्रवेश
के लिए एक बार फि र से परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने प्रवेश के लिए नई
मेरिट जारी की है। निजी प्रबंधन के दबाव में बीटीसी का सत्र पिछड़ना तय हो
गया है।
खबर साभार : अमर उजाला / |
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इलाहाबाद (एसएनबी)। बीटीसी 2014-15 सत्र के प्रवेश की तैयारियां शासन स्तर और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में शुरूहो गयी है। एनआईसी से आनलाइन आवेदन लिये जाने की तिथि मिलते ही अभ्यर्थियों से आवेदन लिये जाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।यह प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर ली जायेगी और अभ्यर्थियों को डायट में काउंसलिंग के बाद संबंधित डायट और निजी क्षेत्र के बीटीसी कालेजों में प्रवेश मिलेगा।
इस बार बीटीसी के निजी क्षेत्र की 35,500 सीटों पर प्रवेश होगा।इस प्रकार से बीटीसी के दो वर्षीय प्रशिक्षण के लिए करीब 50 हजार सीटों पर प्रवेश होना है।अब यह देखना है कि शासन और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कितने माह में बीटीसी की करीब 50 हजार सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर पाते है।प्रदेश सरकार ने बीटीसी 2014-15 सत्र को अधिक विलंब होने पर शूान्य करने का निर्णय लिया था लेकिन निजी क्षेत्र के प्रबंधकों के दबाव में आने के बाद से फिर प्रवेश की प्रक्रिया शुरूहो गयी है।यह प्रवेश की प्रक्रिया अगर जुलाई में शुरूहोगी तो इसके कम से कम छह में पूरा होने की संभावना है।प्रदेश में निजी क्षेत्र के 710 बीटीसी कालेज है।इनमें 35,500 से अधिक सीटे है जबकि डायट में 15 हजार से अधिक सीटे है।
इन सीटों पर प्रवेश में विलंब होने पर सत्र शून्य करने की तैयारियां चल रही थी लेकिन निजी क्षेत्र के प्रबंधकों के दबाव में प्रदेश सरकार ने बीटीसी सत्रशुरूक रने का निर्णय लिया है।सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश सरकार ने बीटीसी सीटों पर निजी क्षेत्र के कालेजों द्वारा सीधे प्रवेश लेने की पहले तैयारियां की थी लेकिन बाद में शासन ने डायट के माध्यम से आवंटित सीटों पर प्रवेश की मंजूरी दी है। सचिव परीक्षा निमयाक प्राधिकारी श्रीमती नीना श्रीवास्तव का कहना है कि बीटीसी प्रवेश की तैयारियां पूरी है।एनआईसी से आनलाइन आवेदन की तिथि मिलते ही आवेदन लिया जाने लगेगा।कहा कि पूरी कोशिश है कि तीन माह में भर्तीप्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
- बीटीसी की 50 हजार सीटों पर शीघ्र शुरू होगा प्रवेश
- सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने कहा,
- एनआईसी से समय मिलते ही शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया
- बीटीसी 2014-15 के 710 निजी क्षेत्र के 35,500 सीटों पर होगा प्रवेश
साभार : सहारा |
इलाहाबाद (एसएनबी)। बीटीसी 2014-15 सत्र के प्रवेश की तैयारियां शासन स्तर और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में शुरूहो गयी है। एनआईसी से आनलाइन आवेदन लिये जाने की तिथि मिलते ही अभ्यर्थियों से आवेदन लिये जाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।यह प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर ली जायेगी और अभ्यर्थियों को डायट में काउंसलिंग के बाद संबंधित डायट और निजी क्षेत्र के बीटीसी कालेजों में प्रवेश मिलेगा।
इस बार बीटीसी के निजी क्षेत्र की 35,500 सीटों पर प्रवेश होगा।इस प्रकार से बीटीसी के दो वर्षीय प्रशिक्षण के लिए करीब 50 हजार सीटों पर प्रवेश होना है।अब यह देखना है कि शासन और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कितने माह में बीटीसी की करीब 50 हजार सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर पाते है।प्रदेश सरकार ने बीटीसी 2014-15 सत्र को अधिक विलंब होने पर शूान्य करने का निर्णय लिया था लेकिन निजी क्षेत्र के प्रबंधकों के दबाव में आने के बाद से फिर प्रवेश की प्रक्रिया शुरूहो गयी है।यह प्रवेश की प्रक्रिया अगर जुलाई में शुरूहोगी तो इसके कम से कम छह में पूरा होने की संभावना है।प्रदेश में निजी क्षेत्र के 710 बीटीसी कालेज है।इनमें 35,500 से अधिक सीटे है जबकि डायट में 15 हजार से अधिक सीटे है।
इन सीटों पर प्रवेश में विलंब होने पर सत्र शून्य करने की तैयारियां चल रही थी लेकिन निजी क्षेत्र के प्रबंधकों के दबाव में प्रदेश सरकार ने बीटीसी सत्रशुरूक रने का निर्णय लिया है।सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश सरकार ने बीटीसी सीटों पर निजी क्षेत्र के कालेजों द्वारा सीधे प्रवेश लेने की पहले तैयारियां की थी लेकिन बाद में शासन ने डायट के माध्यम से आवंटित सीटों पर प्रवेश की मंजूरी दी है। सचिव परीक्षा निमयाक प्राधिकारी श्रीमती नीना श्रीवास्तव का कहना है कि बीटीसी प्रवेश की तैयारियां पूरी है।एनआईसी से आनलाइन आवेदन की तिथि मिलते ही आवेदन लिया जाने लगेगा।कहा कि पूरी कोशिश है कि तीन माह में भर्तीप्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
निजी बीटीसी कॉलेजों के प्रबंधन के दबाव में बीटीसी 2014 सत्र शून्य का फैसला बदला, बेसिक शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भी बीटीसी की 50000 सीटस में प्रवेश कराने का फैसला
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:37 AM
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