परिषदीय स्कूलों की होगी अब ग्रेडिंग, पढ़ाई, शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति को माना जाएगा आधार, सत्र 2015-16 बनेगा शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष

  • परिषदीय स्कूलों की होगी अब ग्रेडिंग
  • पढ़ाई, शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति को माना जाएगा आधार 
  • शैक्षिक सत्र 2015-16 बनेगा शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष

लखनऊ। राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए स्कूलों की ग्रेडिंग कराने का निर्णय किया है। स्कूलों की ग्रेडिंग करते समय वहां पढ़ाई के स्तर और शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति को आधार बनाया जाएगा। ग्रेडिंग में अव्वल आने वाले स्कूलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान की पढ़ाई का पैटर्न बदला जाएगा। इसके लिए ऐसी व्यवस्था लागू की जाएगी जो बच्चों में समझ पैदा करे। उन्हें गणित-विज्ञान की पढ़ाई बोझ न लगे। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस संबंध में मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिया है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य सरकार ने शैक्षिक सत्र 2015-16 को शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में बनाने का निर्णय किया है। स्कूलों और शिक्षकों के परफारमेंस का नियमित आकलन किया जाएगा। छात्रों के पढ़ाई का स्तर चेक करने के लिए नियमित अंतराल पर आंतरिक परीक्षाएं कराई जाएंगी। छात्रों के ज्ञान को स्कूल तथा शिक्षकों के परफारमेंस का संकेत माना जाएगा। परफारमेंस का आकलन करने के लिए स्कूलों की ग्रेडिंग कराई जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा है कि जिला स्तर पर यह व्यवस्थाएं 30 जून तक पूरी कर ली जाएंगी, जिससे कि स्कूल खुलने के साथ इसे प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाए।
उन्होंने कहा है कि शुरुआती प्राथमिक कक्षाओं में समझ के साथ पढ़ने-लिखने की तथा दक्षता विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए भाषा शिक्षण के अंतर्गत बोलने, पढ़ने व लेखन तथा गणित शिक्षण के अंतर्गत छात्रों में मानसिक गणित के कौशल को विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा। छात्रों के पठन-पाठन के स्तर के अनुरूप बाल साहित्य की व्यवस्था स्कूलों में की जाएगी। उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान की पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव किया जाएगा। छात्रों को करके सीखने के अवसर दिए जाएंगे। इसके लिए स्कूलों में उपयुक्त सामानों की व्यवस्था की जाएगी।
  • हर माह पैरेंट्स टीचर मीटिंग
निजी स्कूलों के तर्ज पर परिषदीय स्कूलों में हर माह पैरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित की जाएगी। इसके लिए स्कूल प्रबंध कमेटी को और सक्रिय किया जाएगा। मीटिंग में अभिभावकों को बताया जाएगा कि उनके बच्चे की पढ़ाई के स्तर में कितना सुधार हुआ है। अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाई में कहां और किस तरह की मदद कर सकते हैं।
  • राज्य स्तर पर एचीवमेंट सर्वे
राज्य स्तर पर एचीवमेंट सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई में कितना सुधार आया है। इससे प्राप्त होने वाले फीडबैक का उपयोग आगामी वर्ष की शिक्षक प्रशिक्षण, शैक्षिक पाठ्य सामग्री तथा कक्षा कक्ष की गतिविधियों में सुधार लाने के लिए किया जाएगा।
  • वेब बेस्ड मॉनीटरिंग
शिक्षकों की उपस्थिति बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण व्यवस्था लागू की जाएगी। राज्य, मंडल, जिल व विकास खंड स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण कराया जाएगा। निरीक्षण आख्या का विश्लेषण तथा उस पर प्रभारी कार्रवाई बेसिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से कराई जाएगी।




खबर साभार : अमर उजाला 


छात्रखराब निकले तो टीचर नपेंगे


राज्य मुख्यालय। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में यदि विद्यार्थियों के पठन-पाठन का स्तर खराब पाया जाएगा तो उस स्कूल के अध्यापकों पर कार्रवाई होगी। अधिकारी लगातार स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और इनकी रिपोर्ट ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए वेब आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

राज्य सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र को गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान स्कूल, विद्यार्थियों और अधिकारियों पर भी नजर रखी जाएगी। खण्ड से लेकर मंडल स्तर तक के अधिकारियों के माध्यम से स्कूलों के निरीक्षण की योजना है।

इनकी रिपोर्टो का विश्लेषण विभागीय निदेशक करेंगे और इन पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे। यदि स्कूल का स्तर खराब पाया गया तो अध्यापकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

वहीं विद्यालय प्रबंध समितियों (एसएमसी) की बैठकें भी हर महीने होंगी और इसमें सदस्यों के अलावा अन्य अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा। वे सुझाव देंगे कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए और क्या किया जा सकता है? स्कूलों का स्तर भी जांचा जाएगा और स्कूलों को श्रेणीबद्ध किया जाएगा। शुरुआती कक्षाओं में विद्यार्थियों में समझ के साथ पढ़ने-लिखने की क्षमता और गणित की दक्षता विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे वहीं उच्च प्राइमरी में भी विज्ञान व गणित पर ज्यादा जोर होगा।

एसटी छात्रओं को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें: प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जनजाति की कक्षा नौ व दस में पढ़ रही छात्रओं के लिए बुक बैंक योजना के तहत नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के लिए चालू वित्तीय वर्ष में पांच लाख रुपये का प्रावधान किया है। योजना के तहत इस धनराशि के सापेक्ष कुल ढाई लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी गयी है।

खबर साभार : हिन्दुस्तान



नौ सूत्रों पर चलकर सुधारेंगे शिक्षा की गुणवत्ता, मुख्य सचिव ने भेजा कार्यक्रम
सत्र 2015-16 को शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाएंगे!


बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए वर्ष 2015-16 को ‘शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन’ वर्ष के रूप में मनाएगा। सीबीएसई की तर्ज पर हर महीने पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को नौ सूत्री कार्यक्रम की सूची भेज दी है। 30 जून तक सभी कार्यक्रम हर हाल में लागू करने हैं।
बीएसए जीवेंद्र सिंह ऐरी ने बताया कि गुणवत्ता को सुधारने की जिम्मेदारी अब विद्यालय प्रबंध समिति की भी होगी। विद्यालयों में प्रत्येक माह अभिभावक समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। समिति सदस्यों के साथ अभिभावकों को बुलाकर अवगत कराया जाएगा कि छात्र किस क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं। छात्रों को कहां कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि वह अभिभावकों को भी बताए कि वह अपने बच्चों में किस प्रकार क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं। नियमित रूप से अध्यापक और अभिभावकों के संपर्क होने से छात्रों को इसका फायदा होगा। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता को सुधारने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की परफारमेंस का नियमित आंकलन एवं मूल्यांकन किया जाएगा। छात्रों की नियमित रूप से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। शुरुआती कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों में दक्षता विकसित की जाएगी। शिक्षकों के प्रशिक्षणों को समयबद्ध करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा कलेंडर जारी किया जाएगा। जनपद, विकास खंड, न्याय पंचायत पर होने वाले प्रशिक्षणों के पर्यवेक्षक व मूल्यांकन की व्यवस्था करेंगे। विद्यालयों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रबंधन एवं नेतृत्व क्षमता के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों की होगी अब ग्रेडिंग, पढ़ाई, शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति को माना जाएगा आधार, सत्र 2015-16 बनेगा शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:34 AM Rating: 5

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