परिषदीय विद्यालयों में होंगी परीक्षाएं सचल दल करेगा जांच : परीक्षा व्यवस्था में हुआ परिवर्तन
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब पहले
की तरह छात्र-छात्राओं की परीक्षा ली जाएंगी। इसके लिए जिला स्तर पर
बाकायदा प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्र के कम से कम चार सेट बनाए जाएंगे।
इन्हीं प्रश्न पत्रों से परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके अलावा वार्षिक
परीक्षा को प्रभावी ढंग से कराने और उसकी जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वायड भी
बनाए जाएंगे। बीते दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बेसिक शिक्षा
विभाग की समीक्षा बैठक में इस पर सहमति मिलने के बाद निर्देश जारी कर दिए
गए हैं।
परिषदीय विद्यालयों में पहले कक्षा आठ तक बच्चों की परीक्षा आयोजित की जाती थी। लेकिन निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 आने के बाद परीक्षा लेने पर रोक लगा दी गई। साथ ही किसी भी बच्चे को फेल न करने का प्रावधान कर दिया गया। इस व्यवस्था के तहत स्कूल अपने स्तर से बच्चों का सतत मूल्यांकन करते हुए परीक्षा ले लेते थे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट होने लगी। जिस पर विचार विमर्श कर निर्णय लिया गया है कि अब फिर से विद्यालयों में बच्चों की परीक्षाएं व्यवस्थित ढंग से आयोजित की जाएं। इसके लिए जिला स्तर पर प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्रों के कम से कम चार सेट तैयार किया जाएंगे जो कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा कराए जा रहे एसएलएएस के अनुसार हों।
मुख्य सचिव की बैठक में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिलाधिकारी वार्षिक परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षण कराएं। इसके लिए डायट प्रचार्य प्रभारी होंगे। वहीं परीक्षा के लिए डायट प्राचार्य से प्रश्न पत्रों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी बीएसए की होगी। इसके अलावा प्रश्न पत्रों के सेट तैयार करने में परिषदीय विद्यालयों के विषय अध्यापकों को शामिल किया जाएगा।जो निर्देश आए हैं उसमें परिषदीय विद्यालयों में व्यवस्थित ढंग से परीक्षाएं सम्पन्न कराने की बात कही गई है। वार्षिक परीक्षा के दौरान सघन अनुश्रवण के लिए फ्लाइंग स्क्वायड भी बनाए जाएंगे।महेंद्र सिंह राणा, एडी बेसिक लखनऊ मंडल
परिषदीय विद्यालयों में पहले कक्षा आठ तक बच्चों की परीक्षा आयोजित की जाती थी। लेकिन निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 आने के बाद परीक्षा लेने पर रोक लगा दी गई। साथ ही किसी भी बच्चे को फेल न करने का प्रावधान कर दिया गया। इस व्यवस्था के तहत स्कूल अपने स्तर से बच्चों का सतत मूल्यांकन करते हुए परीक्षा ले लेते थे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट होने लगी। जिस पर विचार विमर्श कर निर्णय लिया गया है कि अब फिर से विद्यालयों में बच्चों की परीक्षाएं व्यवस्थित ढंग से आयोजित की जाएं। इसके लिए जिला स्तर पर प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्रों के कम से कम चार सेट तैयार किया जाएंगे जो कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा कराए जा रहे एसएलएएस के अनुसार हों।
मुख्य सचिव की बैठक में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिलाधिकारी वार्षिक परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षण कराएं। इसके लिए डायट प्रचार्य प्रभारी होंगे। वहीं परीक्षा के लिए डायट प्राचार्य से प्रश्न पत्रों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी बीएसए की होगी। इसके अलावा प्रश्न पत्रों के सेट तैयार करने में परिषदीय विद्यालयों के विषय अध्यापकों को शामिल किया जाएगा।जो निर्देश आए हैं उसमें परिषदीय विद्यालयों में व्यवस्थित ढंग से परीक्षाएं सम्पन्न कराने की बात कही गई है। वार्षिक परीक्षा के दौरान सघन अनुश्रवण के लिए फ्लाइंग स्क्वायड भी बनाए जाएंगे।महेंद्र सिंह राणा, एडी बेसिक लखनऊ मंडल
मौजूदा समय में परिषदीय विद्यालयों में होने वाली वार्षिक परीक्षाएं सिर्फ
खानापूरी के लिए आयोजित की जाती हैं। लेकिन उनमें भी काफी अव्यवस्था होती
है। एक ही कमरे में बच्चे किताबों और कापियों से प्रश्न के उत्तर लिखते हुए
भी पाए जाते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कूलों की वार्षिक परीक्षाओं
में बाकायदा फ्लाइंग स्क्वायड बनाए जाएंगे जो परीक्षा के दौरान स्कूलों में
सघन निरीक्षण करेंगे।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
परिषदीय विद्यालयों में होंगी परीक्षाएं सचल दल करेगा जांच : परीक्षा व्यवस्था में हुआ परिवर्तन
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:21 PM
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