प्रशासन के लिए चुनौती बना शिक्षामित्रों का आंदोलन : प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ टकराव की घटनाएं , मंत्री ने की संगठनों के साथ बैठक
- हर ओर हताशा
- प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ टकराव की घटनाएं , मंत्री ने की संगठनों के साथ बैठक
- प्रशासन के लिए चुनौती बना शिक्षामित्रों का आंदोलन
सहायक अध्यापक पद पर अपने समायोजन को हाई कोर्ट की ओर से
अवैध करार दिए जाने से कुंठित और हताश शिक्षामित्रों का आंदोलन
शासन-प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। उत्तेजित शिक्षामित्र कहीं
धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं परिषदीय स्कूलों में तालाबंदी और
तोड़फोड़ कर रहे हैं। प्रशासन के लिए चिंता का विषय यह है कि अब वे
प्रशिक्षु शिक्षकों पर गुस्सा उतार रहे हैं।
कई जिलों में ऐसी घटनाओं की जानकारी मिली है। शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। यह दलील देते हुए कि सरकार को शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देकर शिक्षक बनाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट का फैसला खिलाफ आने से आक्रोशित शिक्षामित्र अब परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त हुए प्रशिक्षु शिक्षकों के खिलाफ अपना गुस्सा उतार रहे हैं। महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, शाहजहांपुर, मैनपुरी, आजमगढ़, हरदोई आदि जिलों में शिक्षामित्रों और प्रशिक्षु शिक्षकों के बीच अनबन और हाथापाई होने की घटनाएं हुई हैं। बाराबंकी में तो प्रशिक्षु शिक्षकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। सोमवार को प्रशिक्षु शिक्षकों ने इस सिलसिले में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा से भी मिलकर उन्हें अपनी समस्या बतायी थी।
शिक्षामित्रों के आंदोलन से चिंतित बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को शिक्षामित्रों के तीनों संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने संगठनों के माध्यम से शिक्षामित्रों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने दोहराया है कि सरकार शिक्षामित्रों की लड़ाई लड़ेगी, लिहाजा वे गुस्से में आपा न खोएं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने भी शिक्षामित्रों से अपील की है कि वे कानून व्यवस्था का उल्लंघन न करें।
कई जिलों में ऐसी घटनाओं की जानकारी मिली है। शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। यह दलील देते हुए कि सरकार को शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देकर शिक्षक बनाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट का फैसला खिलाफ आने से आक्रोशित शिक्षामित्र अब परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त हुए प्रशिक्षु शिक्षकों के खिलाफ अपना गुस्सा उतार रहे हैं। महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, शाहजहांपुर, मैनपुरी, आजमगढ़, हरदोई आदि जिलों में शिक्षामित्रों और प्रशिक्षु शिक्षकों के बीच अनबन और हाथापाई होने की घटनाएं हुई हैं। बाराबंकी में तो प्रशिक्षु शिक्षकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। सोमवार को प्रशिक्षु शिक्षकों ने इस सिलसिले में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा से भी मिलकर उन्हें अपनी समस्या बतायी थी।
शिक्षामित्रों के आंदोलन से चिंतित बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को शिक्षामित्रों के तीनों संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने संगठनों के माध्यम से शिक्षामित्रों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने दोहराया है कि सरकार शिक्षामित्रों की लड़ाई लड़ेगी, लिहाजा वे गुस्से में आपा न खोएं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने भी शिक्षामित्रों से अपील की है कि वे कानून व्यवस्था का उल्लंघन न करें।
- शिक्षा मित्र समस्या सरकार की देन
भाजपा विधायक दल के नेता सुरेश खन्ना
ने आरोप लगाया कि शिक्षा मित्रों की समस्या को प्रदेश सरकार की देन है। हाई
कोर्ट के फैसले से साबित हो रहा है कि सरकार समय रहते कानूनी पहलुओं पर
गंभीरता से ध्यान देती और कानूनी प्रक्रिया के बाद समायोजन किया जाता तो
शिक्षामित्रों के समक्ष संकट न आता। खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार कानूनी
खामियां दूर करें और सर्वोच्च न्यायालय में मजबूती से शिक्षामित्रों के
हितों को संरक्षित करने की लड़ाई लड़े। सरकार भ्रम फैलाकर अपनी खामियों को
छिपाने का काम न करें।
खबर साभार : दैनिक जागरण
प्रशासन के लिए चुनौती बना शिक्षामित्रों का आंदोलन : प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ टकराव की घटनाएं , मंत्री ने की संगठनों के साथ बैठक
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:24 AM
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