स्मृति ने दिया शिक्षामित्रों को मदद का भरोसा, हाईकोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद अदालत की आपत्तियों पर किया जाएगा गौर
- स्मृति ने दिया मदद का भरोसा
नई शिक्षा नीति पर बैठक करने के लिए मानव संसाधन विकास
मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को जब डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि
विश्वविद्यालय पहुंचीं तो राज्य सरकार की ओर से दी गई पक्की नौकरी को लेकर
कानूनी लड़ाई हारने वाले शिक्षामित्र उनसे फरियाद के लिए गेट पर खड़े थे। मंत्री का काफिला तो विश्वविद्यालय के अंदर चला गया लेकिन द्वारपालों ने
शिक्षामित्रों को बाहर ही रोक दिया। धीरे-धीरे शिक्षामित्रों की संख्या
बढ़ती गई।
बैठक का एक चरण निपटाने के बाद स्मृति ईरानी जब दोपहर के भोजन के
लिए जाने लगीं तो बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने उनसे
शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिल लेने का अनुरोध किया। चौधरी के
आग्रह पर स्मृति ने शिक्षामित्रों के तीन प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे अलग
बातचीत की। स्मृति ने उनकी बात सुनी और उनसे कहा कि केंद्र सरकार को
शिक्षामित्रों के बारे में हाई कोर्ट का आदेश अब तक नहीं मिला है। उन्होंने
शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद
अदालत द्वारा उठायी गईं आपत्तियों पर गौर किया जाएगा और
उन्हें दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जाएगा।
उधर, विषम स्थिति से
निपटने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी सोमवार शाम अपने कार्यालय में
विभाग के आला अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया।
खबर साभार : दैनिक जागरण
खबर साभार : अमर उजाला
राज्यों की सहमति से बनेगी नई शिक्षा नीति
उप्र, उत्तराखंड, मप्र और छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में बोलीं स्मृति ईरानी
लखनऊ।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि राज्यों में अलग-अलग
विचारधारा की सरकारें हैं, लेकिन केंद्र सरकार की कोशिश है कि सभी राज्यों
के सुझाव के आधार पर उनकी सहमति से नई शिक्षा नीति तैयार हो, जिससे इसमें
समानता रहे। नई शिक्षा नीति ऐसी होगी जिससे युवाओं का भला होगा और देश की
तस्वीर बदलेगी। क्या अमीर और क्या गरीब, सभी के बच्चों को शिक्षा चाहिए।
केंद्र सरकार इसको ध्यान में ही रखकर नई शिक्षा नीति तैयार कर रही है। इसके
लिए राज्यों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। सभी राज्यों के शिक्षा
मंत्रियों व उनके सचिवों से बैठकों में प्राप्त होने वाले सुझावों के आधार
पर नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
स्मृति
ईरानी केंद्र सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई शिक्षा नीति के मसौदे को
अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को यहां डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विवि में
आयोजित बैठक में बोल रही थीं। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश
और छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्रियों के साथ उनके शिक्षा सचिवों ने सुझाव रखे।
- शिक्षकों की नियुक्ति व भूमिका पर भी बनेगी नीति :
स्मृति
ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया व स्कूलों में उनकी भूमिका तय
करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों व शिक्षा सचिवों के
साथ अलग से बैठक करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समझने की जरूरत
है। इस पर चिंतन करना होगा कि शिक्षा किस दिशा में जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना स्किल इंडिया का है। शिक्षा की दृष्टि
से इसे कैसे सुधारा जा सकता है, इसे भी देखना होगा। तकनीकी शिक्षा के
क्षेत्र में होने वाले शोध पर भी ध्यान देना होगा।
- दसवीं तक लागू हो समान शिक्षा नीति, हो मुफ्त पढ़ाई
बेसिक
शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि देश में 10वीं तक समान शिक्षा
नीति लागू की जानी चाहिए और यह पूरी तरह से मुफ्त होनी चाहिए। इससे शिक्षा
में व्याप्त भेदभाव समाप्त हो जाएगा। चौधरी सोमवार को यहां नई शिक्षा नीति
के मसौदे पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि
निजी स्कूलों में अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली जाती है। चौधरी ने कहा कि
कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों की फिर से परीक्षा कराई जानी चाहिए। परीक्षा
में पास होने वाले छात्रों को ही अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए। बैठक में
इस पर लगभग सहमति बनती हुई दिखी।
- शिक्षा के भगवाकरण पर बोलीं, कुछ तो लोग कहेंगे
स्मृति
ईरानी ने शिक्षा के भगवाकरण के सवाल का जवाब कुछ अंदाज में दिया ‘कुछ तो
लोग कहेंगे...।’ उन्होंने कहा कि अच्छे कामों को देखना चाहिए। भगवाकरण के
सवाल पर हंसते हुए कहा कि तिरंगे में कितने रंग होते हैं। इसे ध्यान से
देखना चाहिए।
- बैठक से निकाले गए छोटे अधिकारी
स्मृति
ईरानी सवा 12 बजे लोहिया विधि विवि पहुंचीं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा
नीति पर चर्चा के लिए शिक्षा मंत्रियों व शिक्षा सचिवों को बुलाया गया है।
इनके अलावा जो भी अधिकारी बैठे हैं, वे कृपा करके बाहर चले जाएं। इस पर
निदेशक तक के अधिकारी बाहर निकल गए।
- हाईस्कूल व इंटर में भी लागू हो सेमेस्टर प्रणाली
माध्यमिक
शिक्षा मंत्री महबूब अली ने सुझाव दिया कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में भी
सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाए। इससे छात्रों को पढ़ाई में आसानी होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इंटर तक शिक्षा अनिवार्य की जाए। इसके लिए
छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें और यूनिफॉर्म भी दी जाएं।
- पांच साल हो कुलपति का कार्यकाल : नाईक
राज्यपाल
राम नाईक ने प्रदेश में कुलपतियों का कार्यकाल तीन से बढ़ाकर पांच वर्ष
किए जाने के मामले पर सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति
ईरानी से चर्चा की। उन्होंने कहा कि देखा जाए कि इसमें केंद्र सरकार और
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की क्या भूमिका रहेगी? राज्यपाल ने
सुझाव दिया कि नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से भी
विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।
नई शिक्षा
नीति के मसौदे पर उत्तरी क्षेत्र के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के
सिलसिले में राजधानी पहुंचीं स्मृति ईरानी ने सोमवार को यहां राजभवन में
राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उच्च शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों
पर विचार-विमर्श हुआ।
- नई शिक्षा नीति का प्रारूप दिसंबर तक
मानव
संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बैठक में चारों राज्यों के शिक्षा
मंत्रियों व शिक्षा सचिवों को बताया कि नई शिक्षा नीति का प्रारूप आगामी
दिसंबर तक सामने आ जाएगा।
स्मृति ने दिया शिक्षामित्रों को मदद का भरोसा, हाईकोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद अदालत की आपत्तियों पर किया जाएगा गौर
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:14 AM
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