केजीबीवी के पार्ट टाइम शिक्षकों का बढ़ेगा वेतन, केंद्रीय सचिव ने राज्य सरकार से मांगी राय, वर्ष 2014 से पहले की बहाल होगी व्यवस्था
लखनऊ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत पार्ट टाइम शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने मार्च 2014 में इन शिक्षकों का वेतन अपने स्तर पर निर्धारित किया था। इससे उन्हें 7200 के स्थान पर 5000 मिलने लगा। केजीबीवी शिक्षक शिक्षणेतर यूनियन ऑफ इंडिया ने इसका जमकर विरोध किया और राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा। अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की निदेशक डॉ. मीनाक्षी जोली ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पूछा है कि केजीवीबी के इन शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों के वेतन निर्धारण में क्यों न पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी जाए।
सूबे में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। यहां फुल व पार्ट टाइम टीचर, उर्दू टीचर पार्ट टाइम के साथ अन्य कर्मचारी रखे गए हैं। वर्ष 2008 से लेकर मार्च 2014 से पहले तक वेतन निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार के पास था। इसके आधार पर फुल टाइम टीचरों को 9,000, पार्ट टाइम व उर्दू टीचरों को 72,00 रुपये मिलते थे, लेकिन 24 मार्च 2014 को केंद्र सरकार ने जब वेतन का निर्धारण किया तो फुल टाइम टीचरों को 20,000 और पार्ट टाइम टीचरों को 5000 वेतन मिलने लगा।
केंद्र का पत्र मिलने के बाद गुरुवार को केजीबीवी शिक्षक शिक्षणेतर यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल कुमार बंसल ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने केंद्र सरकार के पत्र के आधार पर वेतन निर्धारण की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।
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