ग्रेड पॉइंट के फेर में उलझा बीटीसी प्रवेश, अभिभावकों एवं छात्रों ने सरकार से इसके लिए की एक कॉमन फार्मूला की मांग
इलाहाबाद (ब्यूरो)। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) एवं प्रदेश के निजी बीटीसी कॉलेजों में इन दिनों बीटीसी प्रशिक्षण 2014 का प्रवेश चल रहा है। प्रवेश के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं को प्रवेश के दौरान ग्रेड पॉइंट को प्रतिशत में बदलने की अनिवार्यता के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश के अलग-अलग बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों की ओर से ग्रेड प्वाइंट को अंक एवं प्रतिशत में बदलने के लिए कोई एक फार्मूला नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिल रहा है। उन्हें ग्रेड पॉइंट को अंक में बदलने के लिए फार्मूला लाने को कहा जा रहा है।
बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों की ओर से ग्रेड पॉइंट को अंकों में बदले जाने के लिए एक कॉमन फार्मूला नहीं होने से डायट में आने वाले अभ्यर्थी एवं अभिभावक परेशान हो रहे हैं। अभिभावकों एवं छात्रों ने सरकार से इसके लिए एक कॉमन फार्मूला लागू करने की मांग की है।
विश्वविद्यालयों की ओर से जब से अंक एवं प्रतिशत को खत्म करके ग्रेड पॉइंट लागू किया गया, तभी से इंटरव्यू एवं मेरिट से प्रवेश के दौरान अभ्यर्थियों एवं प्रवेश लेने वाली संस्था को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार की ओर से लागू की गई इस व्यवस्था के कारण हजारों की संख्या में युवाओं का भविष्य अधर में फंस गया है। इनका कहना है कि जब प्रवेश के दौरान ग्रेड पॉइंट को खत्म करके अंक एवं प्रतिशत में किया ही जाना है तो आखिर में ग्रेड पॉइंट दिया ही क्यों जाता है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ बोर्ड ग्रेड पॉइंट को 10 अंक, कुछ 9.5 अंक, कुछ 9 औ 8.5 अंक मानते हैं तो ऐसे में इन्हें प्रतिशत में कैसे बदला जाएगा। कुछ बोर्ड 90 से 100 के बीच अंक पाने वाले को 10 ग्रेड देते हैं, इसी प्रकार 80 से 90 के बीच अंक पाने वाले को 9 ग्रेड देते हैं। आखिर में इन अभ्यर्थियों का अंक प्रतिशत कैसे निकाला जाएगा। इस बारे में कोई सटीक फार्मूला नहीं है। डायट प्राचार्य डीके सिंह ने बताया कि विवि एवं बोर्ड की ओर से ग्रेड पॉइंट को अंक में बदलने के लिए फार्मूला नहीं देने से ही परेशानी हो रही है।
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