केंद्र से पैसा न मिलने के कारण अधूरे पड़े 550 स्कूलों को चालू करने का यूपी सरकार का फैसला
उत्तर प्रदेश सरकार ने उन 550 स्कूलों को चालू करने का फैसला किया है, जो केंद्र से पैसा न मिलने के कारण अधूरे पड़े हैं।
मंगलवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन ने वर्ष 2016-17 के विकास एजेंडा का निर्धारण करने के लिए बुलाई गयी बैठक में मुख्यमंत्री की पहल पर आम जनमानस के विचारों को भी विकास की मूल धारा से जोड़ने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रस्तावित 550 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय भारत सरकार से धनराशि न मिलने के कारण पूरे नहीं हो सके हैं। अब इन्हें विकास एजेंडा का हिस्सा बनाकर प्रदेश सरकार से धन उपलब्ध कराया जाए, ताकि इनका निर्माण कराने के साथ संचालन सुनिश्चित करने के लक्ष्य तय किए जा सकें। इसी तरह अधूरे पड़े बीस पॉलीटेक्निक भी पूरे कराकर छह हजार छात्र-छात्रओं को तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में भी लैपटॉप व कन्या विद्याधन योजना चालू रखने के लिए पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का पालन होगा। समस्त महाविद्यालयों, व प्राविधिक शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्रओं को वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध करायी जाए।
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की छात्राओं को कक्षा-8 के आगे की पढ़ाई के लिए अतिरिक्त कक्षाओं व छात्रवास निर्माण की योजना भी अगले साल के एजेंडे में शामिल की जाए। प्रदेश के सभी 18 मंडलों में नवोदय विद्यालयों की तर्क पर 18 विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने सभी राजकीय बालिका इंटर कालेजों में शौचालयों का निर्माण कराने के लिए एक सप्ताह में प्रस्ताव मांगे। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत कम से कम पांच लाख युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण दिलाने का लक्ष्य तय किया गया। बैठक में प्रमुख सचिव (कार्यक्रम क्रियान्वयन) कल्पना अवस्थी, प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा) मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव (व्यावसायिक शिक्षा) भुवनेश कुमार आदि उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment