फीकी रहेगी शिक्षामित्रों की दिवाली, प्रशिक्षु शिक्षकों का भी वेतन, मानदेय फंसा

प्रदेश में जहां सब दीपावली की खुशियां मनाने में मशगूल हैं वहीं यूपी के 1.40 लाख शिक्षामित्र और 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की यह दीपावली फीकी रहेगी। इन सबको नियुक्ति पत्र मिल गए थे लेकिन उसके बाद इनकी नौकरी कानूनी दांव-पेच में ऐसे फंसी कि अब तक राहत नहीं मिल सकी है। किसी को अभी वेतन तक नहीं मिल रहा है। सभी दीपावली से पहले तक समस्या के समाधान की उम्मीद लगाए थे लेकिन उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। 

कानूनी पेच में फंसी  है नियुक्ति
प्रदेश के 1.40 लाख शिक्षामित्रों में से 58 हजार पिछले साल जनवरी में ही शिक्षक बन गए थे। उसके बाद करीब 79 हजार दूसरे चरण में इस साल जनवरी में शिक्षक बन गए। लेकिन सितंबर में हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को ही अवैध ठहरा दिया। तब से वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश एवं केंद्र के मंत्रियों-अफसरों के यहां दौड़ रहे हैं। सभी ने समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर कर दी गई है। वर्तमान में उनकी समस्या यह है कि उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। रहा-सहा शिक्षामित्र के तौर पर जो 3500 रुपये मानदेय उन्हें मिलता था, वह भी बंद हो गया। इस तरह उन पर दोहरी मार पड़ी है। वह बिना वेतन और मानदेय के स्कूलों में पढ़ा  रहे हैं। 

जो शिक्षक नहीं बने,  उन्हें राहत
जो शिक्षा मित्र शिक्षक नहीं बने थे, उन्हें मानदेय के आदेशों ने राहत दी है। उनका हाईकोर्ट के आदेश से कोई  सरोकार नहीं था लेकिन मानदेय रुक गया था। सोमवार को शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला और जिलाध्यक्ष सुशील कुमार यादव के नेतृत्व में शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने मानदेय के आदेश जारी कर दिए हैं। अब दीपावली बाद ही सही लेकिन मानदेय की उम्मीद ने काफी राहत दे  दी है।

शिक्षामित्र बनाम प्रशिक्षु शिक्षकों के फेर में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों का भी मामला लगातार लटकता गया। प्रशिक्षु शिक्षकों को इस साल जनवरी में स्कूलों में जॉइनिंग दी गई थी। उसके बाद इनका छह माह का प्रशिक्षण होना था। इस दौरान करीब 7.5 हजार मानदेय दिया जाना था। छह माह के प्रोबेशन के बाद वेतन दिया जाना था। तब से 10 महीने बीत गए। अभी ज्यादातर शिक्षकों को कहीं तीन माह तो कहीं छह माह का मानदेय मिला है। वेतन के लिए उन्हें अब भी इंतजार है। जो अतिरिक्त चार महीने लगे, उसका तो न वेतन मिला और न मानदेय। अब काउंसलिंग करके स्कूल आवंटित किए जा रहे हैं। लेकिन दीपावली तक वह प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई। वेतन कब मिलेगा, यह अब भी तय नहीं है। 

फीकी रहेगी शिक्षामित्रों की दिवाली, प्रशिक्षु शिक्षकों का भी वेतन, मानदेय फंसा Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:54 AM Rating: 5

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