दो हजार रसोइए सात माह से बिना मेहनताना कर रहे काम, अक्षयपात्र ने अटकाया रसोइयों का मानदेय, अधिकारी बोले अक्टूबर तक का भुगतान किया
शहर के सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील का भोजन बनाने वाले रसोईयों को पिछले सात महीने से मानदेय नहीं मिला है। इसमें काकोरी, सरोजनीनगर, चिनहट समेत कई ब्लॉकों के लगभग दो हजार रसोइए शामिल हैं। रसोईयों के मुताबिक उनके खाते में अब तक पैसा नहीं आया है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अक्षय पात्र फाउंडेशन को अक्टूबर माह तक का भुगतान कर दिया गया है।
अक्षयपात्र ने ट्रांसफर ही नहीं किया मद
शहर के सभी ब्लॉक में लगभग 3900 रसोइए कार्यरत है। पांच ब्लॉक चिनहट, काकोरी, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज और नगर क्षेत्र में अक्षय पात्र मिड-डे-मील वितरित करता है, इसलिए इन ब्लॉकों के लगभग दो हजार रसोइयों को मानदेय देने का जिम्मा अक्षय पात्र का है। यह मानदेय विभाग की ओर से अक्षय पात्र को दे दिया जाता है। अक्षय पात्र को पैसा सिर्फ ट्रांसफर करना होता है। इस बार भी अक्टूबर तक का मानदेय अक्षयपात्र को दे दिया गया है। इसके बावजूद रसोइयों के खाते में अब तक पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया है।
काकोरी की राम रती ने बताया कि उन्हें जुलाई 2015 से अब तक मानदेय नहीं मिला है। प्राथमिक विद्यालय चौकड़ीखेड़ा की मायावती और सीमा ने बताया कि मानदेय न मिलने की वजह से घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। अक्षय पात्र की ओर से जितने भी ब्लॉकों में मानदेय का वितरण किया जाता है, उन सभी में रसोइयों का यही हाल है। कुछ ब्लॉकों में सितंबर से तो कुछ में जुलाई से मानदेय बाकी है।
No comments:
Post a Comment