आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों की मुफ्त पढ़ाई की खातिर उनके दाखिले के लिए शासन ने जारी की नई समय-सारिणी, हालांकि विद्यालय में प्रवेश लेने की कोई अंतिम समय-सीमा तय नहीं
लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों की मुफ्त पढ़ाई की खातिर उनके दाखिले के लिए शासन ने नयी समय-सारिणी जारी कर दी है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले के लिए आवेदन लेने या विद्यालय में प्रवेश लेने की कोई अंतिम समय-सीमा तय नहीं की गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) द्वारा 15 मार्च तक प्राप्त किये गए आवेदनों पर प्रस्ताव जिलाधिकारी को प्रस्तुत कर उस पर जिलाधिकारी की ओर से अंतिम निर्णय लिये जाने की कार्यवाही को 25 मार्च तक और बीएसए द्वारा बच्चे को निजी मान्यताप्राप्त स्कूल में पहली अप्रैल तक दाखिला कराना होगा। वहीं 16 मार्च से 15 अप्रैल तक प्राप्त आवेदनों पर 25 अप्रैल तक डीएम के अंतिम निर्णय के बाद पहली मई तक प्रवेश दिलाना होगा। 16 अप्रैल से 10 मई तक प्राप्त आवेदनों पर 15 मई तक डीएम के अंतिम निर्णय के बाद 18 मई तक बच्चे को दाखिला दिलाना होगा। जबकि, 11 मई से 15 जून तक हासिल हुए आवेदनों पर 25 जून तक अंतिम निर्णय कराकर बच्चे को पहली जुलाई तक दाखिला दिलाना होगा। इसके बाद बीएसए द्वारा प्रत्येक 15 दिन में प्राप्त होने वाले आवेदनों पर अधिकतम 10 दिनों में निर्णय कराते हुए बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाना होगा।
शासनादेश में गरीब बच्चों को पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था भी की गई है। इसमें कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं की व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए अलाभित और दुर्बल वर्ग के अभिभावक यदि अपने बच्चों को पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला दिलाना चाहते हैं तो उन बच्चो को आसपास के ऐसे विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा जहां पूर्व प्राथमिक कक्षाएं चलती हों और वे विद्यालय सामान्यत: अन्य बच्चों को भी पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश देते हों।
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