शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन आयोग पर चढ़ा पारा, 8 जुलाई को शिक्षक कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले करेंगे 7 वें वेतन आयोग की रिपोर्ट का दाह संस्कार
लखनऊ । केंद्र सरकार की ओर से जारी 7 वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ उत्तर प्रदेश के 16 लाख शिक्षक व कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के नेतृत्व में आगामी आठ जुलाई को शिक्षक व कर्मचारी प्रदेश भर में आयोग की इस रिपोर्ट का दाह संस्कार करेंगे। साथ ही 11 जुलाई से प्रस्तावित केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन भी किया जाएगा।
यह जानकारी विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने दी।शनिवार को रायल होटल स्थित विधायक निवास में आयोजित प्रेस वार्ता में श्री शर्मा ने कहा कि 7वें वेतन आयोग की जो रिपोर्ट जारी हुई है, वह अब तक के वेतन आयोगों में से सबसे खराब रिपोर्ट है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा निचले एवं मध्यम स्तर के कर्मचारियों एवं शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि दस साल के लंबे अंतराल पर वेतन आयोग मिलता है और जब उसकी रिपोर्ट व सरकार के निर्णय पर इस भारी महंगाई के बाद भी कर्मचारियों का जीवन-भरण पोषण मुश्किल होता है तो विरोध होना स्वाभाविक है।
7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट एवं उस पर निर्णय से प्रदेश के 16 लाख शिक्षक व कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसके विरोध में आठ जुलाई को सभी जनपद मुख्यालयों पर आयोग की रिपोर्ट का दाह संस्कार किया जाएगा।
समन्वय समिति के को आर्डिनेटर लल्लन पांडेय ने कहा कि 11 जुलाई से प्रस्तावित केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल का पूरा समर्थन किया जाएगा। उन्होनंे बताया कि चतुर्थ वेतन आयोग ने न्यूनतम एवं अधिकतम वेतन का अनुपात 1:8 का रखा था, जो इस आयोग ने 1: 14 कर दिया है। न्यूनतम वेतन 18 हजार में पांच यूनिट के परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। प्रेसवार्ता में शिक्षक विधायक धु्रव कुमार त्रिपाठी, जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी हड़ताल का पूर्ण समर्थन की घोषणा की।
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