बीटीसी में प्रवेश पाने का दो बार मौका, परीक्षा नियामक प्राधिकारी दाखिले में बदलाव को प्रस्ताव बना रहा, वर्ष 2016 जनवरी एवं 2017 के लिए जुलाई में लिए जाएंगे आवेदन
इलाहाबाद : बीटीसी करने के इच्छुक युवाओं के लिए खुशखबरी है। उन्हें वर्ष 2017 में एक नहीं दो बार प्रवेश पाने का मौका मिलेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय इसका खाका खींचने में जुटा है। तैयारी है कि जनवरी एवं जुलाई में आवेदन लिए जाएंगे। इस कदम के साथ विलंब से चल रहा बीटीसी का सत्र पटरी पर आ जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी करना अनिवार्य है। इधर बड़ी संख्या में युवाओं की भर्ती परिषदीय विद्यालयों में हुई है इसलिए युवा यह प्रशिक्षण पाने को प्रयासरत हैं। वर्ष 2013 का सत्र शुरू करने के समय निजी कालेजों की एकाएक संख्या बढ़ने और उनकी सीटों को भरने में आपाधापी मची उसी समय से सत्र लेट हुआ तो आगे भी विलंब होता चला गया। इसका असर 2014 एवं 2015 पर पड़ा। इस प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
बीटीसी सत्र को नियमित करने के लिए शीर्ष कोर्ट ने बाबा शिवनाथ सिंह शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाम नेशनल काउंसिलिंग फॉर टीचर एजूकेशन व अन्य के संबद्ध 10 अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आठ सितंबर 2015 को आदेश दिया।
कोर्ट की गाइडलाइन पर आगे सत्र कब से शुरू हो, इसका कार्यक्रम भी जारी किया। 2014 का सत्र 22 सितंबर 2015 से एवं 2015 का सत्र 22 सितंबर 2016 से शुरू हुआ है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि 2017 से सत्र नियमित किया जाए। इस आदेश के अमल में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने सत्र 2016 के लिए दिसंबर के दूसरे पखवारे या फिर जनवरी 2017 में आवेदन लिए जाने की तैयारी की है। इन दिनों परीक्षा नियामक इसका प्रस्ताव तैयार करा रही हैं। इसी माह के अंत तक अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा।
2016 सत्र के लिए प्रवेश मार्च तक पूरे कराकर अप्रैल से सत्र शुरू कराने की तैयारी है। इसके बाद सत्र 2017 में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया शुरू होगी। परीक्षा नियामक कार्यालय के अनुसार जुलाई से आवेदन लिए जाने के बाद सितंबर तक प्रक्रिया पूरी करके प्रशिक्षण शुरू कराने का कार्यक्रम है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी तैयारी है कि अगले वर्ष बीटीसी का सत्र नियमित हो जाए। इसीलिए एक के बाद एक सत्र के लिए दाखिले होंगे।
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