स्कूलों में होगा पढ़ाई का आकलन, मार्च के अंत में 2017-18 के सत्र से हो जाएगा लागू, लांच हुई सर्व शिक्षा अभियान की वेबसाइट शगुन
⚫ गणित व भाषा के अलावा पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने पर भी जोर
⚫ जावड़ेकर ने लांच की सर्व शिक्षा अभियान की वेबसाइट शगुन
⚫ जनता से 15 दिन के भीतर इस पर सुझाव भी मांगे गए
⚫ बीएड के छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान सरकारी स्कूलों के छात्रों का क्लास लेना अनिवार्य होगा
देश भर के स्कूलों में मार्च महीने से पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई लिखाई का आकलन शुरू हो जाएगा। इसके लिए सरकार मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून में इसके नियमों को शामिल करेगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां सर्व शिक्षा अभियान की वेबसाइट शगुन का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने इस मौके पर दिव्यांग छात्रों के लिए एक किट का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि देश के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा का स्तर चिंता का विषय रहा है लेकिन जब शिक्षा का अधिकार कानून बना तो उसमें पढ़ाई-लिखाई के आकलन का कोई मानदंड तैयार नहीं किया गया था। पिछले दस साल में यह कमी थी जिसे हमने दूर करने का प्रयास किया है। इसलिए डेढ़ साल के भीतर हमने ‘‘लर्निंग आउटकम’ के मानदंड तैयार किए हैं ताकि यह पता चले कि बच्चों ने स्कूलों में पढ़ाई से क्या सीखा है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इस मानदंड को अपनी वेबसाइट पर डाला है और जनता से 15 दिन के भीतर इस पर सुझाव भी मांगे गए है।उन्होंने कहा कि पढ़ाई-लिखाई के इस आकलन में गणित और भाषा के अलावा पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने पर भी जोर दिया गया है क्योंकि कई छात्र अगली कक्षा में तो चले जाते हैं लेकिन उन्हें गुणा भाग नहीं आता है। इसलिए हमने अब आकलन के नियमों को अनिवार्य बनाया है और मार्च के अंत में यह 2017-18 के सत्र से लागू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि आठवीं कक्षा तक छाोिं को फेल न करने की नीति को समाप्त करने के लिए संसद के अगले सत्र में मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून में संसोधन किया जाएगा। इसके लिए एक विधेयक लाया जाएगा। पांचवीं, आठवीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने वालों को एक बार फिर परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा। अगर उसके बाद भी कोई छात्र इसे पास नहीं करता है तो उसे उसी कक्षा में रोकने का अधिकार राज्यों को दिया गया है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। बीएड के छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान सरकारी स्कूलों के छात्रों का क्लास लेना अनिवार्य होगा। उनका मूल्यांकन छात्र और शिक्षक करेंगे। इससे पहले मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि शगुन वेबसाइट लांच होने से सर्व शिक्षा अभियान में हुए अच्छे कायरें के अलावा सरकार की योजनाओं के क्रियान्वन में रह गई कमियों का भी पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट से देश भर के लोग यह देख सकेंगे कि शिक्षा के क्षेत्र में क्या अच्छा काम हुआ। समारोह को स्कूली शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने भी संबोधित किया और अतिरिक्त सचिव रीना राय ने शगुन वेबसाइट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शगुन शाला और गुणवत्ता दो शब्दों को मिलकर बना है जो शुभ कार्य के अर्थ में भी जाना जाता है।
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