बजट 2017-18 : स्कूली शिक्षा के सुधार में बड़ी सौगात संभव, शिक्षा बजट में 10 फीसदी बढ़ोत्तरी की सम्भावना
नई दिल्ली। केंद्र सरकार बजट में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अलग कार्यक्रम शुरू कर सकती है। इसके लिए अलग से बजटीय प्रावधान किए जा सकते हैं। शिक्षा बजट में करीब दस फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान है। पिछली बार सिर्फ पांच फीसदी बढ़ा था। प्रशिक्षण पर फोकस: स्कूली शिक्षा बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर फोकस हो सकता है। इसके लिए नई योजना का ऐलान हो सकता है या फिर किसी पुरानी योजना में ही अलग से बजटीय प्रावधान किए जा सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रलय का पिछले साल का बजट 72 हजार करोड़ रुपये था जो इस बार दस फीसदी बढ़कर 79 हजार करोड़ पहुंच सकता है। मध्याह्न भोजन, सर्व शिक्षा अभियान के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा अभियान के बजट में बढ़ोतरी होने की संभावना है। दरअसल, स्कूली शिक्षा पूरी करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन माध्यमिक शिक्षा का ढांचा उतना मजबूत नहीं है। राज्य विवि शिक्षकों को तोहफा : केंद्र सरकार उच्चर शिक्षा अभियान में भी पेशेवर कॉलेजों, विवि के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए ज्यादा बजट का प्रावधान कर सकती है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी केंद्र से वेतन के लिए राशि जारी की जा सकती है। मकसद उन्हें केंद्रीय विवि के बराबरी पर लाना होता है।
यदि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारनी है, तो शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारनी होगी। उनके प्रशिक्षण के लिए आवंटन बढ़ाना होगा। शिक्षकों में सतत सीखने की प्रवृत्ति विकसित होगी, तो छात्रों को भी वे बेहतर शिक्षा दे सकेंगे। - रुकमणि बनर्जी, शिक्षाविद्
सर्व शिक्षा अभियान
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
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