65 शिक्षकों के नियम विरुद्ध हुए अन्तर्जनपदीय तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाईं रोक, शासन ने स्थानान्तरण नीति से हटकर किए थे तबादले
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत 65 सहायक अध्यापकों के नियम विरुद्ध किए गए अंतर जनपदीय तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। चार जनवरी को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक एक दिन पहले सरकार ने 65 शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में तबादला कर दिया था।अंतर जनपदीय तबादले के लिए 23 जून 2016 को नीति जारी हुई थी। जिसमें प्रथम नियुक्ति तिथि से 31 मार्च 2016 तक न्यूनतम तीन वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों से ही आवेदन मांगे गए थे। लेकिन तीन जनवरी को सरकार ने तीन साल से कम अनुभव वाले शिक्षकों का भी तबादला कर दिया।
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65 अन्तर्जनपदीय तबादले पर हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की रोक, राज्य सरकार द्वारा सीधे जारी आदेशों की वैधता को दी गयी थी चुनौती
तबादले के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की संस्तुति लेना अनिवार्य था लेकिन बिना संस्तुति तबादले का शासनादेश जारी कर दिया गया। इसके खिलाफ मो. आरिफ, मंजू सिंह, मनीष कुमार बाजपेई, फहीम बेग आदि ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अलग-अलग याचिकाएं की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि जिन शिक्षकों का तबादला किया गया, उनमें से कई ने ऑफलाइन आवेदन किए थे।
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