अब सभी विद्यालयों के दो बच्चों को इंस्पायर अवार्ड के तहत पांच-पांच हजार रुपये नहीं मिलेंगे, मौलिक अर्थात इनोवेटिव आइडिया वाले मॉडलों का पहले होगा परीक्षण
इलाहाबाद : इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत अब सभी विद्यालयों के दो बच्चों को पांच-पांच हजार रुपये नहीं मिलेंगे। इस वर्ष से इंस्पायर अवार्ड के मानक बदल गए हैं। मेक इन इंडिया के तहत मौलिक अर्थात इनोवेटिव आइडिया वाले मॉडलों का पहले परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद पुरस्कार दिया जाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रलय की ओर से इंस्पायर अवार्ड के तहत पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले सभी स्कूलों के दो-दो बच्चों को मॉडल बनाने के लिए पांच-पांच हजार रुपये दिए जाते थे। वहीं विद्यालयों को पांच वर्ष के अंतराल में पंजीकरण करना होता था। नए नियम के तहत अंतराल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। दरअसल कुछ दिनों पहले इंस्पायर अवार्ड योजना को लेकर दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें नए मानक तय किए गए।
⚫ नए मानक: अब विद्यालय कक्षा छह से 10 तक अध्ययनरत बच्चों का प्रतिवर्ष इंस्पायर अवार्ड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इतना ही नहीं एक ही विद्यालय के पांच से अधिक विद्यार्थियों का चयन किया जा सकता है।
बशर्ते बच्चों का आइडिया मौलिक व नवीन हो। जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव ने बताया कि मॉडलों का परीक्षण करने के बाद ही पांच - पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रत्येक स्कूल के दो - दो विद्यार्थियों को धनराशि दी जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा।बिलकुल पीएम की पहल सराहनीय है। पाक को आतंक का रास्ता छोड़कर आपसी सुलह समझौते से काम करना चाहिए।1अंजली तिवारी।1आतंक किसी समस्या का हल नहीं है। पाक को अपनी बात शांति तरीके से रखनी चाहिए। जिसका कुछ हल निकल सके।
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