न्यूनतम शिक्षण मानक के लिए क्या किया: कोर्ट ने मांगा जवाब, अध्यापकों या अनुदेशकों की नियुक्ति पर जवाब तलब
⚫ स्कूलों में विषय वार शिक्षक हों तैनात - हाइकोर्ट
⚫ अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हो रहा हनन
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से अनिवार्य शिक्षा अधिकार 2009 के तहत न्यूनतम शिक्षण मानक तय करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। साथ ही प्रदेश के 45791 जूनियर हाईस्कूलों में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा और आर्ट विषय के अध्यापकों या अनुदेशकों की नियुक्ति की मांग में दाखिल याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। कुमकुम की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि बागपत जिले के कासिमपुर खेरी जूनियर हाईस्कूल में कक्षा छह से आठ तक के छात्रों की संख्या के मुताबिक अध्यापक नहीं हैं, जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है।
कहा गया है कि सूबे के 45791 जूनियर हाईस्कूलों में शारीरिक शिक्षा व आर्ट विषय के अध्यापकों के केवल 13769 पद स्वीकृत हैं। ऐसे में शेष स्कूलों में पार्टटाइम अध्यापकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। सरकार ने पिछले तीन वर्षों में आर्ट के 2272 अनुदेशकों, 1601 शारीरिक शिक्षकों और 4019 शिक्षकों को निकाल दिया है, जिससे स्थिति सुधरने की बजाय खराब हो गई है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि हर विषय का अध्यापक होना चाहिए।
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