8वीं के बच्चों को अंक नहीं पता और शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत भारी भरकम खर्च, नीति आयोग ने उठाया सवाल
नई दिल्ली। नीति आयोग ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत किए जा रहे हजारों करोड़ के खर्च पर सवाल उठाया है। आयोग ने कहा है कि सरकार द्वारा किए जा रहे भारी खर्च के बावजूद आरटीई के तहत स्कूल जाने वाले आठवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ना तो दूर अक्षर या अंक पहचानना तक नहीं आता। इस स्थिति को दर्शाते हुए आयोग ने सरकार को इसके प्रावधानों में बदलाव पर विचार को कहा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अर¨वद पनगढ़िया की ओर से सरकार को भेजी गई राय में कहा है कि आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों का प्रदर्शन भले ही कैसा भी हो। उन्हें कक्षा में आगे बढ़ा दिया जाता है, भले ही वह कुछ भी पढ़ लिख नहीं पाएं। आयोग ने इसकी वजह आरटीई के प्रावधानों में पढ़ाई के मद्देनजर उचित नियम न होने का कारण स्पष्ट किया है। साथ ही कहा कि बच्चों को भविष्य में काबिल बनाने के लिए अच्छी नीयत से ऐसा किया जाना जरूरी है।
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