प्राइमरी शिक्षकों को मिले प्रोन्नति, इंटर कॉलेज से संबद्ध व अल्पसंख्यक कॉलेजों पर भी लागू होगा नियम: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि इंटरमीडिएट एक्ट के तहत बने रेग्युलेशन 7(2)(ए) वित्त पोषित अल्पसंख्यक कॉलेजों के अनुच्छेद 30 के अंतर्गत मिले प्रबंधन के अधिकार के विपरीत नहीं है। इस रेग्युलेशन के तहत कॉलेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों की प्रोन्नति का 25 फीसदी कोटा निर्धारित किया गया है।



याची अल्पसंख्यक कॉलेज का कहना था कि रेग्युलेशन उसके प्रबंधकीय अधिकारों में हस्तक्षेप है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा है कि यह सभी कॉलेजों पर समान रूप से लागू है। अल्पसंख्यक कॉलेजों को कोई छूट नहीं दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को शिक्षक व छात्रों के हित में मानक तय करने का अधिकार है। यदि इसे नहीं लागू किया गया तो कॉलेज की शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है। कोर्ट ने कहा है कि प्रबंधन अधिकार में कुप्रबंधन का अधिकार शामिल नहीं है।



कोर्ट ने यह भी कहा है कि अनुच्छेद 16 के तहत प्रोन्नति पाने का मूल अधिकार देता है यदि इसे लागू नहीं किया गया तो यह स्टाफ के शोषण को अनुमति देना होगा। कोर्ट ने कहा है कि राज्य वित्तपोषित कॉलेजों पर रेग्युलेशन लागू होगा। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवी भोसले, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्णपीठ ने प्रबंध समिति स्वामी लीला शाह आदर्श सिंधी इंटर कॉलेज, आगरा की याचिका में उठे वैधानिक प्रश्न को निर्णीत करते हुए दिया है।



कालेज में आठ एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक का पद रिक्त हुआ। जिला विद्यालय निरीक्षक ने रेग्युलेशन के तहत 25 फीसद प्रोन्नति कोटा लागू करने का निर्देश दिया जिसकी वैधता को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति एपी साही ने प्रकरण पूर्णपीठ को संदर्भित किया था। याची का कहना था कि उसके प्रबंधन के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका पर अधिवक्ता केपी शुक्ल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता वाईके श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।




कोर्ट ने कहा है कि अल्पसंख्यक कॉलेजों के प्रबंधन का अधिकार प्रबंध समिति को है, किंतु सरकार को अध्यापकों की सेवा शर्ते व शैक्षणिक गुणवत्ता मानक तय करने का अधिकार है। यह प्रबंधकीय अधिकार में हस्तक्षेप नहीं है। सरकार अध्यापक व स्टाफ के हित में शोषण रोकने के लिए नियम बना सकता है। कोर्ट ने कहा है कि यह न केवल छात्रों के कल्याण के लिए है, अपितु प्रभावी प्रबंधन के लिए है।




कोर्ट ने कहा कि रेग्युलेशन किसी भी तरह से अल्पसंख्यक विद्यालयों के गठन व प्रबंधन मे हस्तक्षेप नहीं करता बल्कि यह अध्यापकों व स्टाफ को शोषण से बचाता है। यह संवैधानिक अधिकारों व जनहित के बीच संतुलन स्थापित करता है।

प्राइमरी शिक्षकों को मिले प्रोन्नति, इंटर कॉलेज से संबद्ध व अल्पसंख्यक कॉलेजों पर भी लागू होगा नियम: इलाहाबाद हाईकोर्ट Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 7:06 AM Rating: 5

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