यूपीटीईटी-2021 की परीक्षा में सुधार ली गई गलती, अब नहीं मिलेगा अंक, शासन से मिली अनुमति, अपील में जाएगा PNP
यूपीटीईटी-2021 की परीक्षा में सुधार ली गई गलती, अब नहीं मिलेगा अंक, शासन से मिली अनुमति, अपील में जाएगा PNP
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)- 2021 के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) अपील में जाएगा। इसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है। इसकी फाइल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल के पास भेजी गई है।
जल्द ही हाईकोर्ट में दो न्यायमूर्तियों की पीठ के समक्ष उस आदेश को चुनौती दी जाएगी। कोर्ट के फैसले से जो अभ्यर्थी अंक बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें निराशा हाथ लगेगी। टीईटी-2021 की परीक्षा 22 जनवरी 2022 को कराई गई थी। उसका परिणाम आठ अप्रैल 2022 को आया था।
UPTET प्रश्नोत्तर मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर ग्रेस मार्क नहीं देगा PNP, शासन की अनुमति से मामले पर अपील दाखिल किए जाने की तैयारी
• हाई कोर्ट ने दो प्रश्नों के एवज में याचियों को एक-एक देने के दिए हैं निर्देश
• पीएनपी के विषय विशेषज्ञों ने प्रश्न के उत्तर के विकल्प को सही माना है
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)- 2021 में दो प्रश्नों के उत्तर को गलत मानते हुए एक-एक अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने के हाई कोर्ट के आदेश को उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) चुनौती देगा। विषय विशेषज्ञों ने उत्तरकुंजी में दिए उत्तरों को सही ठहराते हुए कोर्ट के आदेश को विधिसंगत नहीं माना है।
यह परीक्षा 23 जनवरी 2022 को सभी जनपदों में कराई गई थी। इसके बाद अनंतिम उत्तरकुंजी पर आई आपत्तियों को निस्तारित करते हुए पीएनपी की ओर से सात अप्रैल को अंतिम उत्तरकुंजी जारी की गई। आठ अप्रैल 2022 को परीक्षाफल घोषित किया गया। इसमें कुछ अभ्यर्थियों ने वर्ष 2017 की यूपीटीईटी के दो प्रश्नों के उत्तर को गलत ठहराते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
कोर्ट ने दोनों उत्तरों को गलत मानते हुए एक-एक अंक देने के निर्देश दिए थे। दोनों प्रश्न वर्ष 2021 की यूपीटीईटी में भी पूछे गए थे। ऐसे में वर्ष 2017 के आधार पर 2021 में भी इन दोनों प्रश्नों के उत्तरों को गलत बताते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका लगाई गई।
कोर्ट ने दोनों उत्तरों को गलत मानते हुए याची अभ्यर्थियों को एक-एक देने के आदेश दिए हैं। पीएनपी ने जवाब दाखिल किया था कि वर्ष 2021 की परीक्षा में 2017 की गलती को सुधारते हुए उत्तर में परिवर्तन किया गया था, लेकिन कोर्ट ने नहीं माना।
उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2017 एवं 2021 में पूछे गए दोनों प्रश्नों के उत्तरों में साम्यता नहीं है। दोनों प्रश्नों में एक-एक विकल्प सही है। शासन की अनुमति से मामले पर अपील दाखिल किए जाने की तैयारी है।
2021 में प्रश्नों के विकल्प में थे ये सही उत्तर
उत्तरः ग्रंथियों वाले प्रश्न में उत्तर का विकल्प- कैनन
उत्तर- घास-भूमि वाले प्रश्न के उत्तर का विकल्प- मांसाहारी
नोट (विकल्प-मांसाहारी या शाकाहारी को ठीक करके शाकाहारी व मांसाहारी दोनों - कर दिया गया था)
2017 में यह थे प्रश्न
प्रश्न: ग्रंथियों के आधार पर व्यक्तित्व के विभिन्न प्रकारों की चर्चा किसने की है?
उत्तर: पीएनपी ने माना था-क्रेशमर, जबकि सही उत्तर था कैनन।
प्रश्नः घास-भूमि क्षेत्र के पारितंत्र की खाद्य श्रृंखला में सबसे उच्च स्तर के उपभोक्ता होते हैं।
उत्तर : एक विकल्प था-मांसाहारी, दूसरा विकल्प था मांसाहारी या शाकाहारी । (दूसरे विकल्प में गड़बड़ी थी)। सही उत्तर था-मांसाहारी।
यूपीटीईटी 2021 में याचियों को दो प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का हाईकोर्ट का निर्देश
2019 में याचियों को एक एक अंक देने का आदेश था, न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपीटीईटी 2021 के दो गलत प्रश्नों के एवज में अभ्यर्थी याचियों को ग्रेस मार्क और यूपी टीईटी 2019 के दो प्रश्नों के लिए याचियों को एक-एक अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने यूपीटीईटी 2021 की अभ्यर्थी ममता यादव एवं 101 अन्य और मुकेश चतुर्वेदी की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि व अन्य को सुनकर दिया है। कोर्ट ने गत दो फरवरी को प्रगति अग्रवाल व 15 अन्य सहित 230 अभ्यर्थियों की याचिकाओं और टीईटी 2019 के अखिलेश व 14 अन्य सहित 727 अभ्यर्थियों की याचिकाओं यही आदेश किया था। इन मामलों मे भी याचियों की स्थिति समान थी इसलिए कोर्ट ने प्रगति अग्रवाल केस के आलोक में याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
याचियों के अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि का कहना था कि मोहम्मद रिजवान के केस में जिन प्रश्नों को लेकर कोर्ट में गलती पाई गई थी और ग्रेस मार्क देने का आदेश हुआ था, उन्हीं प्रश्नों को 2021 की परीक्षा में शामिल किया गया है इसलिए याची भी वैसी ही राहत पाने के अधिकारी हैं।
सरकार की ओर से कहा गया कि प्रश्न विशेषज्ञ तय करते हैं और कोर्ट विशेषज्ञ नहीं हो सकती। साथ ही जिन याचियों ने आंसर-की पर आपत्ति नहीं की है, उन्हें राहत पाने का अधिकार नहीं है। पिछली परीक्षा के गलत प्रश्न इस परीक्षा में दोबारा लिए गए हैं, इस गलती को सरकार की ओर से स्वीकार किया गया। जो प्रश्न पिछली परीक्षा में क्रमांक 16 व 131 पर थे, वही 2021 की परीक्षा में 8 व 141 क्रमांक पर हैं। कोर्ट ने दोनों प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का निर्देश दिया है।
2019 की परीक्षा में प्रश्न 83 व 144 सही नहीं पाए गए। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय से निर्णीत रणविजय सिंह केस के आधार पर याचियों को एक-एक अंक देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अन्य प्रश्नों पर पर्याप्त संदेह न होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
यूपीटीईटी-2021 की परीक्षा में सुधार ली गई गलती, अब नहीं मिलेगा अंक, शासन से मिली अनुमति, अपील में जाएगा PNP
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
6:48 AM
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