बदइंतजामियों के बीच बंटे नौकरी के परवाने : मिली नौकरी की चिट्ठी, तीन साल बाद खिले चेहरे, 20 जिलों में नहीं बंटे जाॅइनिंग लेटर

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती

  • बदइंतजामियों के बीच बंटे नौकरी के परवाने
  • प्रशिक्षु शिक्षकों की होनी है सूबे में भर्ती
  • मिली नौकरी की चिट्ठी, तीन साल बाद खिले चेहरे
  • 906 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी 
  • रायबरेली, सीतापुर में हंगामा, कर्मचारियों को बंधक बनाया
  • सीतापुर और खीरी समेत 20 जिलों में नहीं बंटे जाॅइनिंग लेटर
  • जानने वालों से पूछते रहे कटऑफ

बेरोजगारी का दंश झेल रहे प्रशिक्षु शिक्षकों के अभ्यर्थियों के चेहरे उस समय खिल उठे जब तीन साल के इंतजार के बाद उन्हें नौकरी की चिट्ठी मिली। सोमवार को सूबे के 55 जिलों में प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। हालांकि सर्वाधिक छह-छह हजार पदों वाले सीतापुर व खीरी समेत 20 जिलों में अफसरों की लापरवाही से नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा सके। प्रदेश में पहले दिन 906 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी होने का भी मामला सामने आया है। 

सीतापुर में नियुक्ति पत्र की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से अभ्यर्थी भड़क गए और बीएसए कार्यालय के गेट पर ताला लगाकर कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इससे एक घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। दरअसल यहां 23 जनवरी तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसके चलते नियुक्ति पत्र पाने के लिए अभ्यर्थियों को कुछ और इंतजार करना पड़ सकता है। 

सवा तीन साल बाद ही सही... आखिरकार टीईटी पास बीएड वालों की आंखों में चमक आ ही गई। नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान भले ही भारी अव्यवस्था रही हो, लेकिन प्रशिक्षु शिक्षक का जॉइनिंग लेटर जिसको मिला, उसका चेहरा खिल उठा। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा झूम उठे। यह और बात है कि उन्हें इस चिट्ठी को पाने के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी।
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता के स्पष्ट निर्देश के बाद भी मात्र 55 जिलों में ही नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू हो पाई। सर्वाधिक छह-छह हजार पद वाले दोनों जिलों सीतापुर और लखीमपुर खीरी में नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा सके। लखीमपुर के बीएसए ने कहा है कि उनके यहां 22 जनवरी से बांटे जाएंगे, लेकिन सीतापुर के प्रभारी बीएसए गोलमोल जवाब देते रहे। इसको लेकर वहां नौकरी की चिट्ठी लेने पहुंचे अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया। पहले चरण में पात्रों को एक सप्ताह तक नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा और दूसरे चरण में 29 जनवरी से नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे। 
 
यह भर्ती प्रक्रिया इतनी लंबी खिंची की सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश देना पड़ा कि सामान्य वर्ग को टीईटी में मिले 105 व आरक्षित को 97 अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती पूरी की जाए। इसके आधार पर पात्रों को प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई। 
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के 55 जिलों में नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिन जिलों में नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गए हैं वहां जल्द ही बांटने की प्रक्रिया शुरू करने निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने भी इस संबंध में जिलों को निर्देश दे दिया है कि पात्रों को नियुक्ति पत्र जल्द से जल्द बांट दिए जाएं।

प्रशिक्षु शिक्षक के अभ्यर्थी सोमवार को कटऑफ जानने के लिए परेशान रहे। दिनभर वे अपने जानने वालों को फोन मिलाकर पूछते रहे कि कहां कितने अंक वालों को पात्र माना गया है। ऐसी स्थिति इसलिए आई क्योंकि अधिकतर जिलों ने सूची वेबसाइट पर नहीं डाली और जो विज्ञापन प्रकाशित कराया, उसमें केवल इतना ही दिया गया कि नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे। कुछ ही जिलों ने विज्ञापन में यह साफ किया कि उनके यहां किस वर्ग को कितने अंक पर पात्र माना गया है। 
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि प्रशिक्षु शिक्षक के पात्रों की सूची डायटों की वेबसाइट पर डालने के साथ अखबारों में विज्ञापन निकाल कर सूचना दी जाएगी। इसमें यह साफ किया जाएगा कि किस जिले में कितने अंक वालों को पात्र माना गया है, लेकिन इस आदेश का कुछ जिलों ने ही पालन किया।

खबर साभार : अमर उजाला 


अव्यवस्था के बीच नियुक्ति पत्र बंटना शुरू

लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने की कवायद सोमवार को अव्यवस्था के बीच शुरू हुई। चयन सूची न जारी हो पाने के कारण 11 और विधान परिषद के स्नातक खंड उपचुनाव की वजह से तीन जिलों में नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी। चयन सूची जारी न होने और उसे जिले की नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स (एनआइसी) वेबसाइट पर प्रदर्शित न करने की वजह से अभ्यर्थियों में असमंजस बना रहा। 

सीतापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) धर्मेंद्र सक्सेना को निलंबित किये जाने के कारण जिले की चयन सूची सोमवार शाम तक तैयार नहीं हो पायी थी। इसलिए वहां नियुक्ति पत्र नहीं जारी किये जा सके। लखीमपुर खीरी में भी चयन सूची तैयार करने के लिए सोमवार शाम तक माथापच्ची जारी थी। हरदोई में बीएसए को रविवार रात को चयन सूची सौंपी गई। अत्यधिक देर से सूची मिलने के कारण वहां सोमवार को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किये जा सके। हरदोई में मंगलवार को नियुक्ति पत्र जारी किये जाएंगे। प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक शिव कुमार ओझा जिनके पास जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य का भी चार्ज था, मेरठ में अपनी तैनाती के दौरान हुए छात्रवृत्ति घोटाले में दोषी पाये जाने के कारण निलंबित कर दिये गए। लिहाजा वहां भी चयन सूची तैयार नहीं हो पायी, न ही नियुक्ति पत्र जारी किये जा सके। शाहजहांपुर में जिलाधिकारी से अनुमोदन न हो पाने के कारण चयन सूची जारी नहीं हो सकी। जिला विद्यालय निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं हो पाने के कारण महोबा में न चयन सूची जारी हो पायी, न नियुक्ति पत्र दिये जा सके।

सहारनपुर के डायट प्राचार्य का चार्ज वहां के जिला विद्यालय निरीक्षक के पास है जिनके इलाहाबाद में होने के कारण चयन सूची तैयार नहीं हो पायी। गाजीपुर, एटा, मथुरा और आजमगढ़ में भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं किये जा सके। कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव में खंड शिक्षा स्नातक उप चुनाव की वजह से नियुक्ति पत्र चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद जारी होंगे।

खबर साभार : दैनिक जागरण

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बदइंतजामियों के बीच बंटे नौकरी के परवाने : मिली नौकरी की चिट्ठी, तीन साल बाद खिले चेहरे, 20 जिलों में नहीं बंटे जाॅइनिंग लेटर Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:58 AM Rating: 5

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