आरटीई एक्ट 2009 के अंतर्गत थर्ड जेंडर (तृतीय लिंग) को प्रवेश कराने के संबंध में आदेश जारी

  • आरटीई में अब थर्ड जेंडर को भी मान्यता
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा विभाग ने भी निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई ) अधिनियम के तहत मिलने वाले निशुल्क दाखिलों में थर्ड जेंडर को मान्यता देने का फैसला किया है। विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

आरटीई अधिनियम के तहत अभी तक यह व्यवस्था केवल मेल व फीमेल वर्ग के बच्चों के लिए लागू थी। नियमावली में शामिल न होने के कारण थर्ड जेंडर वर्ग के बच्चों के दाखिले के लिए कोई निर्देश नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रैल 2014 के आदेश के मद्देनजर बेसिक शिक्षा विभाग ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय में आने वाले थर्ड जेंडर के बच्चों को आरटीई के तहत निशुल्क दाखिला देने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) और लखनऊ विवि ने इस साल से थर्ड जेंडर को अपने यहां एडमिशन में मान्यता देने की शुरुआत की है।

साभार : अमर उजाला 
  • अब आरटीई के तहत स्कूलों में मिलेगा थर्ड जेंडर को भी दाखिला
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सचिव बेसिक शिक्षा ने जारी किए निर्देश
  • अल्पसंख्यक संस्थान भर सकेंगे बीटीसी की सभी सीटें
  • सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने जारी किया आदेश

लखनऊ (डीएनएन)। अब बेसिक व माध्यमिक स्कूलों में सामान्य बच्चों की तरह थर्ड जेंडर वर्ग को भी आसानी से दाखिला मिल सकेगा। यह सुविधा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत अनिवार्य रूप से दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सचिव एचएल गुप्ता ने इस संबंध में जिलाधिकारियों तथा माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। दाखिले की यह सुविधा अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग की श्रेणी में सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आने वाले थर्ड जेंडर वर्ग को दी जाएगी। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।दरअसल, आरटीई 2009 के प्रावधानों के अनुसार छह से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार प्राप्त है। इन्हीं प्रावधानों के तहत थर्ड जेंडर समुदाय को भी प्रवेश में सुविधाएं उपलब्ध अनुमन्य कराने के संबंध में नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि थर्ड जेंडर वर्ग को यह सुविधा सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग को मिलने वाली सुविधाओं के अंतर्गत दी जाएं। इस पर सचिव एचएल गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि अलाभित समूह के अंतर्गत सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछले वर्ग समुदाय में आने वाले तृतीय लिंगीय को आरटीई की धारा 12 (1) (ग) के तहत स्कूलों में दाखिला देना अनिवार्य होगा।
साभार : डीएनए 




पत्रांक: आर0टी0ई/ 1335/ 2015-16 दिनांक 12 जून 2015


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आरटीई एक्ट 2009 के अंतर्गत थर्ड जेंडर (तृतीय लिंग) को प्रवेश कराने के संबंध में आदेश जारी Reviewed by Brijesh Shrivastava on 9:37 PM Rating: 5

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