निर्मल विद्यालय पुरस्कार के लिए नहीं तय हुए स्वच्छ स्कूल, प्रत्येक जिले से चुने जाने हैं तीन स्वच्छ परिषदीय विद्यालय, 31 तक देनी थी रिपोर्ट


लखनऊ । परिषदीय विद्यालयों में खराब सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अवार्ड दिए जाने की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अभियान चलाने की योजना तैयार की गई थी। जिसमें सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रत्येक जिले के तीन सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को ‘निर्मल विद्यालय पुरस्कार’ से नवाजा जाना है। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान की अपर परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर विद्यालयों के चयन के निर्देश दिए गए थे।


लेकिन राजधानी में अभी तक विद्यालयों का चयन छोड़ उसकी प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो सकी।मौजूदा समय में प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 1,59,400 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें एक लाख 30 हजार बच्चे कक्षा एक से पांच तथा करीब 49 लाख बच्चे छह से आठ तक के विद्यालय में पढ़ते हैं। जबकि राजधानी में 1839 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें साफ-सफाई की हालत बहुत खराब है। ज्यादातर विद्यालयों में शौचालय होने के बावजूद उसकी स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ। जिससे बच्चे उसका उपयोग नहीं करते हैं। साफ-फाई के निर्देश के बावजूद स्थिति में कोई खास सुधार न आता देख अब सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने नया तरीका निकाला। हर जिले के तीन सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उत्तम स्वच्दता व्यवहार तथा सुविधाओं के संचालन एवं रखरखाव में भागीदारी का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए निर्मल विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित करने की योजना तैयार की।


योजना है कि इससे अनोखे प्रयोग से अन्य विद्यालयों में साफ-सफाई को लेकर लोग जागरूक होंगे। लेकिन विभाग के अधिकारी इस योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे।25 विद्यालयों में से होगा तीन का चयनतीन सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों के चयन से पहले नवाचार कार्यक्रम के तहत 30 विद्यालयों को चयनित कर ब्लॉक स्तरीय मॉडल वॉश के रूप में विकसित करना है। उसके बाद मॉडल वॉश विद्यालय प्रदर्शन के लिए 100 से अधिक छात्र संख्या वाले उन 25 जूनियर हाईस्कूलों का चयन करने के निर्देश दिए गए जहां बालक-बालिका के लिए अलग शौचालय व पेयजल सुविधा उपलब्ध है। साथ ही पांच कस्तूबरबा विद्यालय का भी चयन भी जरूरी होगा। उसके बाद बीएसए जनपद के सबसे स्वच्छ तीन विद्यालयों का चयन किया जाना है।



नवाचार कार्यक्रम के तहत स्वच्छ विद्यालय एवं बाल स्वच्छता मिशन से संबंधित गतिविधियों का आयोजन कर 31 मार्च तक इसकी रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को भेजी जानी है। लेकिन राजधानी में अभी तक इसकी प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो सकी है। इस मामले में बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।

निर्मल विद्यालय पुरस्कार के लिए नहीं तय हुए स्वच्छ स्कूल, प्रत्येक जिले से चुने जाने हैं तीन स्वच्छ परिषदीय विद्यालय, 31 तक देनी थी रिपोर्ट Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:49 AM Rating: 5

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