लखनऊ | बीएड का क्रेज कम होते ही प्रदेश में बीटीसी के निजी
कॉलेज धड़ाधड़ खुलते जा रहे हैं। पांच साल पहले जहां 40 निजी बीटीसी कॉलेज
हुआ करते थे, वहीं यह संख्या 623 तक पहुंच गई।
अब इसमें 42 और कॉलेज जुड़ने जा रहे हैं। इन कॉलेजों में 2100 सीटें होंगी और इन पर इसी सत्र में प्रवेश दिए जाने की संभावना है।
राज्य
सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शीघ्र ही संबद्धता प्रक्रिया शुरू
करने जा रही है। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में इस संबंध में
काफी हद तक सहमति बन गई है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण
परिषद (एससीईआरटी) को शासन शीघ्र ही निर्देश देने वाला है। सूबे के बेसिक
शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है।
पहले शिक्षकों की कमी को देखते हुए बीएड वालों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाया जाता था।
लेकिन
जब से बीएड वालों को प्राइमरी टीईटी की परीक्षा से वंचित किया गया है, तब
से बीटीसी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। इसका फायदा निजी कॉलेज प्रबंधन भी
उठाने चाहते हैं।
इसलिए बीएड को छोड़कर बीटीसी कॉलेज खोलने वालों की
संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। एससीईआरटी से इस साल बीटीसी कॉलेज
खोलने के लिए 367 संस्थाओं को संबद्धता दी जा चुकी है।
इन कॉलेजों
में इसी साल प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जानी है। इस बीच 42 और कॉलेजों को
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने मान्यता दी है।
मान्यता
के साथ इन्हें वर्ष 2014-15 में छात्र आवंटन की बात कही गई थी, पर इन
कॉलेजों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो फैसला इनके पक्ष में आया।
अब इन कॉलेजों को चालू सत्र यानी 2013-14 में ही संबद्धता देते हुए छात्रों का आवंटन किया जाएगा।
खबर साभार : अमर उजाला
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