रसोइयों के मानदेय में हो सकता है 500 रुपए का इजाफा!
- केंद्र सरकार की व्यय वित्त समिति में प्रस्ताव पास
- कैबिनेट की बैठक में होगा अंतिम निर्णय
लखनऊ। सूबे के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनाने वाले तीन लाख 90 हजार रसोइयों के मानेदय में जल्द ही 500 रुपए का इजाफा किए जाने की तैयारी है। इसके लिए मिड-डे-मील प्राधिकरण ने प्रस्ताव भी भेज दिया है। वहीं, केंद्र सरकार में व्यय वित्त समिति की बैठक में मानदेय बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। अब कैबिनेट से पास होने के बाद सभी जगह नए शैक्षिक सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अलावा राजकीय, अनुदानित स्कूलों एवं मदरसा आदि में कक्षा आठ तक के बच्चों को मिड-डे-मील दिए जाने की व्यवस्था है। वर्तमान व्यवस्था के तहत नगर क्षेत्र में एनजीओ तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में मिड-डे-मील वितरण की जिम्मेदारी प्रधान को दी गई है।
मिड-डे-मील बनाने के लिए छात्र संख्या के आधार पर रसोइयों की व्यवस्था की गई है। इन्हें प्रति माह एक हजार रुपए मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। कई बार प्रदेश भर के रसोइया अपना मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। बीते वर्ष 2013 में राजधानी में माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से आयोजित एक सेमिनार में भी रसोइयों के मानदेय बढ़ाए जाने की मांग उठी थी। इसमें दिल्ली सहित 9 राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। रसोइयों की मांग को जायज ठहराते हुए यूपी मिड-डे-मील प्राधिकरण ने मानदेय की धनराशि 1000 से बढ़ाकर 1500 रुपए किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। विभागीय जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार भी मानदेय बढ़ाए जाने की तैयारी कर चुकी है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय व्यय वित्त समिति की बैठक में पास कर दिया गया है। अब कैबिनेट में हरी झंडी मिलना बाकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि लोक सभा चुनाव की आचार संहिता से पहले इसे मंजूरी मिल जाएगी। वहीं माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक सुधांशु त्रिपाठी का कहना है कि मिड-डे-मील बनाने के लिए प्रदेश भर में तीन लाख 90 हजार रसोइया हैं। इनका मानदेय बढ़ाए जाने की बात चल रही है। यहां से 500 रुपए बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। अंतिम निर्णय वहीं से होगा।
मिड-डे-मील बनाने के लिए छात्र संख्या के आधार पर रसोइयों की व्यवस्था की गई है। इन्हें प्रति माह एक हजार रुपए मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। कई बार प्रदेश भर के रसोइया अपना मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। बीते वर्ष 2013 में राजधानी में माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से आयोजित एक सेमिनार में भी रसोइयों के मानदेय बढ़ाए जाने की मांग उठी थी। इसमें दिल्ली सहित 9 राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। रसोइयों की मांग को जायज ठहराते हुए यूपी मिड-डे-मील प्राधिकरण ने मानदेय की धनराशि 1000 से बढ़ाकर 1500 रुपए किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। विभागीय जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार भी मानदेय बढ़ाए जाने की तैयारी कर चुकी है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय व्यय वित्त समिति की बैठक में पास कर दिया गया है। अब कैबिनेट में हरी झंडी मिलना बाकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि लोक सभा चुनाव की आचार संहिता से पहले इसे मंजूरी मिल जाएगी। वहीं माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक सुधांशु त्रिपाठी का कहना है कि मिड-डे-मील बनाने के लिए प्रदेश भर में तीन लाख 90 हजार रसोइया हैं। इनका मानदेय बढ़ाए जाने की बात चल रही है। यहां से 500 रुपए बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। अंतिम निर्णय वहीं से होगा।
(खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट)
रसोइयों के मानदेय में हो सकता है 500 रुपए का इजाफा!
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:38 AM
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1 comment:
Anyone pls send me the G.O. for the nagar palika sweeper work in our primary.schools
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