नए शैक्षिक सत्र में बदले कोर्स के साथ नए लुक में होगी किताबें
- नए कलेवर में होंगी परिषदीय विद्यालयों की पुस्तकें
- मदरसों में भी मिलेंगी उर्दू तर्जुमा की हुई पुस्तकें
- राज्य शिक्षा संस्थान ने पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देकर शासन को भेजा
इलाहाबाद।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकें अगले शैक्षिक
सत्र 2014-15 में नए कलेवर में छात्र-छात्राओं के हाथों में होगी। परिषदीय
विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक की सभी पुस्तकों को रिवाइज करके उन्हें
बच्चों का मित्र बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। विशेषज्ञों की टीम ने
पाठ्यक्रम में अनुपयोगी पाठ को हटाकर छात्रों की अभिरूचि के अनुरूप पाठ
जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मदरसों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तके
अब बच्चों को उर्दू तर्जुमा मिल सकेंगी। पाठ्यक्रम में यह सुधार एनसीएफ
2005 एवं एससीएफ के अनुरूप हो रहा है।
राज्य
शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) और बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की समीक्षा करके बदलाव
किया जा रहा है। बदलाव की दिशा में पहला कदम राज्य शिक्षा संस्थान उत्तर
प्रदेश की ओर से पूरा करके शासन को भेजा जा चुका है। नई पुस्तकों का कलेवर
तय करके उसे छात्रों को आकर्षित करने वाला बनाया गया है।
परिषद
की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम ने पाठ्यक्रम में परिवर्तन के साथ नई
पुस्तकों के कवर पेज तय कर उसको राज्य सरकार के पास भेज दिया है। राज्य
शिक्षा संस्थान के प्राचार्य फैजुर्रहमान ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग
केपूर्व सचिव की पहल पर पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ स्वास्थ्य शिक्षा सहित
मानवाधिकारों के संरक्षण की जानकारी कोर्स में शामिल किया गया है। उन्होंने
बताया कि अपर प्राइमरी के पाठ्यक्रम का लेकर यूनीसेफ से बात की गई है,
उनके विशेषज्ञों के साथ फरवरी में बैठक कर पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया
जाएगा। इस पाठ्यक्र के मंजूरी मिलने के बाद नए शैक्षिक सत्र से बदली
पुस्तकों को लागू किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जिन पुस्तकों में बदलाव
किया जा रहा है उसमें हिन्दी माध्यम की 70 और उर्दू की 32 पुस्तकें शामिल
हैं।
- उर्दू तर्जुमा में मिलेंगी मदरसे में पुस्तकें
प्राथमिक
विद्यालयों में चलने वाली हिन्दी की किताब ‘कलरव’ अब ‘चहक’, सामाजिक
विज्ञान की किताब ‘हमारा परिवेश’ अब ‘हमारा माहौल’ तथा भाषा की किताब
‘मंजरी’ अब ‘गुंचा’, ‘हमारा इतिहास एवं नागरिक जीवन’ अब ‘हमारी तारीख और
इल्मे तमद्दुन’ तथा ‘पृथ्वी और हमारा जीवन’ अब ‘हमारी कुर्रए जमीन’ नाम से
जानी जाएगी। गणित और विज्ञान की किताब के नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया
गया है। गणित को गिनतारा विज्ञान को परख ही नाम रखा गया है। किताबों के कवर
पर नाम उर्दू में ही लिखे हैं। एससीईआरटी की ओर बेसिक शिक्षा परिषद की
पुस्तकों का बदलाव प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राजनीतिक बदलाव से
जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश में गठित नई सरकार ने इससे पहले मुस्लिम
वर्ग की छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति सहित अनेक सुविधाए देने की घोषणा की
थी।
(खबर साभार : अमर उजाला)
नए शैक्षिक सत्र में बदले कोर्स के साथ नए लुक में होगी किताबें
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:50 AM
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