पत्राचार बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी 2004 के प्रशिक्षण के संबंध में आदेश
- दस्तावेज की जांच तक पिता के नाम का बना जाति प्रमाण पत्र होगा मान्य
लखनऊ । प्रदेश में पत्राचार बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण
देने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जांच के
समय यदि पिता के नाम का जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है तो उसे काउंसलिंग
में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
प्रदेश
में प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर भर्ती के लिए वर्ष 2004
में बीएड वालों से आवेदन मांगे गए थे। इसमें पत्राचार बीएड वालों ने भी
आवेदन किया था, लेकिन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) ने उस समय पत्राचार बीएड वालों को चयन प्रक्रिया से बाहर कर
दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू हुई
तो जाति प्रमाण पत्र का मामला फंस गया।
जिला
शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर जब पत्राचार बीएड वाले काउंसलिंग
के लिए पहुंचे तो पति के नाम पर जाति प्रमाण पत्र देने वाली महिलाओं को
इससे अलग कर दिया गया। एससीईआरटी ने इस संबंध में शासन से निर्देश मांगा
था। अब वहां से स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि काउंसलिंग के समय भी पिता के
नाम जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है तो उसे प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल
किया जाएगा।
(खबर साभार : अमर उजाला)
पत्राचार बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी 2004 के प्रशिक्षण के संबंध में आदेश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:00 PM
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